“समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को एक सोची-समझी साजिश बताते हुए भाजपा और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इस घटना के जरिए संभल के भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। अखिलेश यादव ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और इसे उत्तर प्रदेश के उपचुनाव से जोड़ते हुए कहा कि यह भाजपा की एक रणनीति है।”
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज संभल हिंसा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे एक सोची-समझी साजिश करार दिया और आरोप लगाया कि यह घटना भाजपा और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से हुई है। अखिलेश यादव ने कहा कि संभल सदियों से भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक रहा है, लेकिन इस घटना के माध्यम से इस भाईचारे को खत्म करने की साजिश की गई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यह घटना उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के सहयोगी और समर्थक देश के विभिन्न हिस्सों में बार-बार विवादास्पद बयान दे रहे हैं, जिससे देश की गंगा-जमुनी तहजीब और भाईचारा खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि संभल के माहौल को बिगाड़ने में पुलिस प्रशासन और याचिका कर्ता दोनों की भूमिका रही है, और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर 19 नवम्बर 2024 को एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका के बाद कोर्ट ने बिना दूसरे पक्ष को सुने सर्वे के आदेश दिए। इसके बाद पुलिस ने जामा मस्जिद का सर्वे किया, लेकिन 23 नवम्बर को बिना कोर्ट के आदेश के दूसरा सर्वे कराया गया। जब मस्जिद कमेटी और स्थानीय लोग विरोध करने लगे, तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और गोलियां चलाईं, जिससे कई लोग घायल हुए और पांच निर्दोष युवाओं की मौत हो गई।
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अखिलेश यादव ने कहा कि यह घटना भाजपा सरकार की सुनियोजित साजिश है, जिससे उपचुनाव के दौरान मतदाताओं को डराया गया और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार संविधान और कानून का पालन नहीं करती और इस प्रकार के घटनाओं से संविधान की मर्यादा को तोड़ा जा रहा है।
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