नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बाल यौन अपराधों पर सख्त रवैया अपनाते हुए देश के उच्च न्यायालयों को इस मुद्दे पर गंभीर कदम उठाने को कहा है।
बाल यौन उत्पीडऩ निरोधक (पॉक्सो) कानून के मामलों में विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति में नाकाम राज्य सरकारों से नाराज मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने देश के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को आगे आने को कहा है।
पीठ ने हरियाणा, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश समेत 11 राज्यों के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से कहा है कि वे इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर पॉक्सो मामले में विशेष सरकारी वकील नियुक्त करें।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय से इस मामले में लंबित याचिका का जल्द निपटारा करने को कहा। न्यायालय ने यह भी कहा कि ऐसी आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं जो बच्चों के लिए लाभकारी हों।