नई दिल्ली । शहाबुद्दीन के खिलाफ चंदा बाबू के बेटे की हत्या के मामले में सीवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने की याचिका पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले की 1 दिसम्बर को सुनवाई होगी।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन मामले में सुनवाई के दौरान सोमवार को टिप्पणी की थी कि हमारा हमेशा प्रयास रहता है कि आपराधिक मामलों में निष्पक्ष सुनवाई हो।
यह टिप्पणी जस्टिस दीपक मिश्रा ने शहाबुद्दीन को सीवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने और उसके खिलाफ 45 अन्य मामलों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान की।
जस्टिस दीपक मिश्र और अमिताभ राय की पीठ ने सोमवार को संक्षिप्त सुनवाई के बाद मामले को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया था। पीठ राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की याचिका पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि ट्रायल निष्पक्ष हो।
पीठ ने कहा कि शहाबुद्दीन पर सभी केस तभी दर्ज हुए हैं जब वह जेल में थे। 44 केस बिहार में और एक केस झारखंड में है। इस हिसाब से वह एक हिस्ट्रीशीटर हैं।सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर एएसजी पीएस नरसिंहा ने भी कहा था कि शहाबुद्दीन को केसों के साथ दिल्ली स्थानांतरित करना चाहिए।