कानपुर। शहीद शुभम द्विवेदी की शहादत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुए शुभम के परिवार से मिलने शनिवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना उनके निवास स्थान पहुंचे।
विधानसभा अध्यक्ष का यह दौरा केवल एक राजनीतिक औपचारिकता नहीं था, बल्कि वह मानवीय संवेदनाओं और गहरे राष्ट्रप्रेम का प्रतीक बन गया। जब श्री महाना ने शहीद की पत्नी के चरणों में झुककर नमन किया और उनके सिर पर सांत्वना भरा हाथ रखा, तो उस क्षण ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया।
शहीद शुभम द्विवेदी को देश ने सिर्फ एक जवान के रूप में नहीं, बल्कि एक आदर्श, एक प्रेरणा के रूप में याद किया है। उनका बलिदान केवल परिवार के लिए नहीं, पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। स्थानीय नागरिकों ने भी भारी संख्या में उनके घर पहुँचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मीडिया से बातचीत में कहा, “शुभम की शहादत को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनके परिवार को हर संभव सहयोग दें।”
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शहीद शुभम द्विवेदी की इस बहादुरी को याद करते हुए प्रशासन की ओर से आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी जैसे आश्वासन भी दिए गए हैं। इसके साथ ही जिले में एक मार्ग का नाम उनके नाम पर रखने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इस बीच, रक्षा मंत्रालय ने भी शुभम की वीरता को स्वीकार करते हुए मरणोपरांत वीरता पदक देने की सिफारिश की है। कानपुर ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश में उनके अंतिम संस्कार के समय हजारों की भीड़ उमड़ी थी, जिसने तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को अश्रुपूरित नेत्रों से विदाई दी।
शुभम के माता-पिता ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ, लेकिन उनकी यही कामना है कि सरकार और समाज ऐसे वीरों को केवल श्रद्धांजलि तक सीमित न रखे, बल्कि उनके परिवारों की देखभाल भी जिम्मेदारी से करे।
देश आज जहां एक ओर विकास की ओर बढ़ रहा है, वहीं शहीदों की कुर्बानी यह याद दिलाती है कि इस प्रगति की बुनियाद उन वीरों के बलिदान पर टिकी है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी।