लखनऊ। जैसे–जैसे समय बीत रहा है वैसे–वैसे समाजवादी कुनबे में सुलह–समझौते की संभावनायें भी क्षीण पड़ती जा रही हैं। हालांकि सुलह को लेकर समाजवादी पार्टी के कई बड़े नेताओं ने शनिवार को भी पुरजोर कोशिश की।
इसके लिए बैठक दर बैठक होती रही लेकिन हर बैठक बेनतीजा रही। इसके बावजूद पार्टी में सुलह के हिमायती नेताओं का कहना है कि अभी भी ‘बात’ बन सकती है।
सूबे में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में बीते छह महीनों से चल रही कलह अब अपने अंतिम मुकाम तक पहुंचती दिख रही है और पार्टी में दो फाड़ होना लगभग तय हो गया है। इस बीच समाजवादी पार्टी में जारी संकट के बीच सुलह का रास्ता निकालने का प्रयास शनिवार को भी जारी है।
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां ने शिवपाल सिंह यादव व मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। लेकिन सुलह का कोई भी मंत्र नहीं मिला। इस बीच समाजवादी पार्टी के सर्वेसर्वा मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद एसपी नेता अंबिका चौधरी ने कहा कि सब कुछ ठीक हो जाएगा और पार्टी एक रहेगी।
उधर, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपने सरकारी आवास पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति बनाने में लगे रहे। वहीं, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के वकील देवेंद्र उपाध्याय भी सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के घर वह जवाब की कॉपी देने पहुंचे, जिसे प्रो. रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग में दाखिल किया था, लेकिन उनकी कॉपी लेने से इनकार कर दिया गया। जिसके बाद श्री उपाध्याय ने कहा कि अब हम चुनाव आयुक्त के यहां जाएंगे और जवाब दाखिल करेंगे।
उधर, सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कुछ कारणों का हवाला देकर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वहीं मुलायम सिंह यादव उनके इस हठ को अपना अपमान मान रहे हैं। लंबे समय बाद गत दिवस शिवपाल सिंह यादव ने भी मुख्यमंत्री के साथ भेंट करने के बाद सुलह का प्रयास किया था।
लेकिन अब लगभग यह साफ हो गया है कि मुलायम और अखिलेश खेमे अब अलग–अलग चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। चर्चा है कि मुलायम सिंह ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर पार्टी चुनाव चिह् साइकिल पर दावा ठोक दिया है। आयोग से कहा गया है कि मुलायम सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और साइकिल पर उनका अधिकार बनता है।