भले ही सपा-बसपा के गठबंधन (SP-BSP Alliance) का पार्टी के मिशन-2019 (Mission 2019) पर कोई असर न पड़ने का दावा भाजपा के नेता कर रहे हों, लेकिन पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस गठबंधन को लेकर काफी गंभीर है। गठबंधन के लोकसभा क्षेत्रों में होने वाले प्रभाव की थाह लेने के लिए पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व दोनों डिप्टी सीएम को जुटा दिया है।

केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर पार्टी के ये सभी बड़े नेता सभी क्षेत्रों में जाकर वहां के सांसदों, विधायकों व जिला अध्यक्षों से फीडबैक लेकर रिपोर्ट देंगे। रिपोर्ट में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि गठबंधन का भाजपा के हितों पर क्या असर पड़ेगा। ये नेता अपनी फीडबैक बैठकों की रिपोर्ट 30 जनवरी से प्रदेश के दौरे पर आ रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौंपेंगे।
पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने क्षेत्रवार फीडबैक बैठकें करना का निर्देश सोमवार को दिया है। ये बैठकें बुधवार से ही शुरू हो जाएंगी। पहली बैठक अवध क्षेत्र की लखनऊ में 23 व 24 जनवरी को होगी। इसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय और सह प्रभारी र्गोधन झड़पिया फीडबैक लेंगे। दूसरी बैठक कानपुर-बुंदेलखण्ड की कानपुर में 25 व 26 जनवरी को होगी। यह बैठक उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व सह प्रभारी नरोत्तम मिश्र करेंगे। 27 व 20 को ब्रज क्षेत्र की बैठक में मुख्य चुनाव प्रभारी जे.पी.नड्डा और उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा रहेंगे। 26 से 28 जनवरी तक गोरखपुर क्ष्रेत्र की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के साथ सह प्रभारी सुनील ओझा मौजूद रहेंगे।
29 जनवरी को पश्चिम क्षेत्र की बैठक में मुख्य चुनाव प्रभारी जे.पी.नड्डा व सह प्रभारी दुष्यंत गौतम रहेंगे। 24 और 25 जनवरी को काशी क्षेत्र की बैठक में सह प्रभारी सुनील ओझा तो रहेंगे। उनके साथ एक अन्य बड़ा नेता कौन होगा, यह भी तय किया जाना बाकी है। सरकार और संगठन के ये पदाधिकारी क्षेत्रों में जाकर क्षेत्र में आने वाली सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा की तैयारी, राजनीतिक स्थितियां, संगठनात्मक स्थिति का आकलन करेंगे।
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