लखनऊ। महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन की सीटों पर बातचीत कर रही समाजवादी पार्टी (सपा) की बात बन नहीं रही है। इसका कारण उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की दस सीटों पर जल्दबाजी दिखाते हुए समाजवादी पार्टी की तरफ से अपने छह प्रत्याशियों की पहले ही घोषणा कर देना माना जा रहा है।
दोनों राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख नेताओं के बीच तीन बार वार्ता हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश की बची हुई सीटों पर कांग्रेस का दावा है, तो महाराष्ट्र की मुस्लिम बाहुल्य कुछ सीटों को लेकर समाजवादी पार्टी दांव लगाना चाहती है।
कांग्रेस और सपा के बीच वार्ता के दौरान ही महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार उतारने का फैसला ले लिया है। पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की 18 अक्टूबर को महाराष्ट्र के मालेगांव और उसके अगले दिन 19 अक्टूबर को धुले विधानसभा क्षेत्र में जनसभा तय की गई हैं। मालेगांव और धुले क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य इलाके हैं और यही कारण है कि सपा यहां पर अपने मुस्लिम नेताओं को टिकट देकर विधानसभा चुनाव मैदान में उतारना चाहती है।
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की तिथियाें की घोषणा होने के बाद अब कांग्रेस की ओर से सपा पर अघोषित सीटों को देने का दबाव बनाया जा रहा है। कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का इसकाे लेकर बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि पहले तो हम पांच सीटों पर लड़ना चाहते थे, फिर भी सपा की ओर से शेष सीटों को कांग्रेस को देने पर विचार करना चाहिए। आखिर में गठबंधन धर्म को देखते हुए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जो निर्णय करेगा, उसे माना जाएगा। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से उपचुनाव लड़ने के मूड में है।
also read:जब रामलला के दर्शनकर भावविभोर हुए इजराइल के राजदूत!
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal