“कानपुर में अखिलेश यादव की रैली में खाली कुर्सियां और पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग किए जाने का आरोप। सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा कि पुलिस लोगों को सभा में आने से रोक रही है। सपा समर्थकों के पोस्टर के साथ सभा में पहुंचे।”
कानपुर । उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव की रैली में भीड़ की कमी देखने को मिली। जीआईसी ग्राउंड में हो रही इस रैली में कुर्सियां खाली पड़ी थीं। इस पर सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने मंच से आरोप लगाया कि पुलिस और पीएसी (पुलिस और पीएसी बल) बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को सभा में आने से रोक रहे हैं। उन्होंने कहा, “पुलिस ने साइकिल मार्केट और यतीमखाना चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाई है, जिससे लोगों का आना मुश्किल हो रहा है।”
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सपा विधायक ने पुलिस को चेतावनी दी कि यदि बैरिकेडिंग नहीं हटाई गई तो सपा कार्यकर्ता इसे हटा देंगे। रैली में अखिलेश यादव के समर्थक “वेलकम बॉस” के पोस्टर लेकर पहुंचे थे और नारे लगा रहे थे। इस रैली से पहले, सपा के प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने भी अखिलेश यादव का धन्यवाद किया और कहा कि उनकी उपस्थिति से कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ा है।
इस बीच, कानपुर में भाजपा के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की जनसभा भी हो रही है, जो ग्वालटोली चौराहे पर आयोजित की जाएगी। दोनों पार्टियों के नेता एक ही दिन में कानपुर में अपनी-अपनी जनसभाओं को लेकर व्यस्त हैं।
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उत्तर प्रदेश की सीसामऊ विधानसभा सीट पर सपा और भाजपा के बीच मुकाबला तगड़ा होता दिख रहा है। इस सीट पर 45% मुस्लिम, 25% जनरल और 16% एससी वोटर हैं, जो चुनाव परिणाम में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी, जिनकी मुस्लिम बहुल इलाके में अच्छी पकड़ है, अपनी सहानुभूति से वोटरों का दिल जीतने की कोशिश कर रही हैं।
नसीम सोलंकी के समर्थन में अब तक कोई बड़ा विरोध नहीं हुआ है, और सपा-कांग्रेस गठबंधन पूरी ताकत से उनके लिए चुनावी प्रचार कर रहा है। नसीम, जिनके परिवार का पिछले 22 साल से इस सीट पर दबदबा रहा है, खुद को “हिम्मती” बताते हुए अपने समर्थकों से कह रही हैं कि यह चुनाव उनके परिवार के लिए आखिरी मौका है।
वहीं भाजपा में टिकट के लिए कई दावेदार थे, जिनमें से कुछ समर्थक नाराज होकर पार्टी से दूर हो गए हैं। भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी के चयन में देरी की, जिससे अंदरूनी विवाद पैदा हुआ। हालांकि, भाजपा ने अगर अपने भितरघात पर काबू पा लिया, तो जातीय समीकरण उसके पक्ष में जा सकते हैं।
संसदीय और जातीय समीकरण के बीच इस चुनाव में सीसामऊ की राजनीति ने एक नया मोड़ लिया है। हिंदू इलाकों में भाजपा के पक्ष में माहौल बना है, जबकि मुस्लिम इलाकों में सपा का पलड़ा भारी दिख रहा है।
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रिपोर्ट: मनोज शुक्ल