“सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भ्रष्ट व्यक्ति बताया। कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि उनके घर से बरामद करोड़ों उनके भ्रष्टाचार को दर्शाते हैं।”
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर सुनवाई हुई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज इस मामले में चटर्जी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनके वकील ने दलील दी कि इस मामले के अन्य सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है और पार्थ चटर्जी पिछले 2.5 साल से जेल में हैं।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस दलील को ठुकराते हुए चटर्जी पर तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, “आप भ्रष्ट व्यक्ति हैं। आपके घर से करोड़ों रुपए बरामद हुए हैं, जो आपके भ्रष्टाचार को प्रमाणित करते हैं।” बेंच ने आगे कहा कि इस मामले के अन्य आरोपी भी चटर्जी के कारण ही शामिल हुए हैं।
सुनवाई की प्रमुख बातें
- जमानत याचिका: पार्थ चटर्जी के वकील ने 2.5 साल से जेल में रहने और अन्य आरोपियों को जमानत मिलने का हवाला देते हुए राहत मांगी।
- SC की टिप्पणी: कोर्ट ने कहा कि पार्थ चटर्जी का भ्रष्टाचार इस मामले का केंद्र है और करोड़ों की बरामदगी इसके सबूत हैं।
- फैसला सुरक्षित: सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
मामले की पृष्ठभूमि
पार्थ चटर्जी, जो ममता बनर्जी सरकार में एक वरिष्ठ मंत्री थे, पर करोड़ों रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का आरोप है। उनके घर से ED ने भारी मात्रा में नकदी और संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे। यह मामला पश्चिम बंगाल में बड़े भ्रष्टाचार कांड के रूप में देखा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी और पार्थ चटर्जी के खिलाफ लगे आरोप पश्चिम बंगाल की राजनीति में बड़ा असर डाल सकते हैं। इस मामले पर अब सभी की नजरें SC के फैसले पर टिकी हैं।
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विशेष संवाददाता: मनोज शुक्ल