लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद हाईवे पर शराब एवं बीयर की नई दुकानें नहीं खोली जाएंगी।
सूबे में इन दिनों आबकारी सत्र 2017-18 के लिए शराब व बीयर की दुकानों के लाइसेंस के नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
आबकारी आयुक्त भवनाथ ने बताया कि कोई भी जिला आबकारी अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्गों व राज्य के राजमार्गों पर किसी नई दुकान का प्रस्ताव नहीं देगा। अगले आबकारी सत्र के लिए इस बार देसी शराब की कुल 108 नई दुकानें खोली जाएंगी।
अंग्रेजी शराब की 62, बीयर की 129 और माडल शाप महज दो खोली जानी हैं। प्रदेश में इस वक्त देसी शराब की 11467 देसी शराब की दुकानें हैं अंग्रेजी शराब की 2607, बीयर की 2302 और भांग की 1945 दुकानें हैं।
आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी खजाने को भरने के सबसे बड़े स्रोतों के रूप में चालू वित्तीय वर्ष में भी लक्ष्य के अनुरूप राजस्व मिलने के आसार नहीं हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल 16, 500 करोड़ के निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले महज 14083.88 करोड़ रुपये का राजस्व ही मिल सका था।
चालू वित्तीय वर्ष में यह लक्ष्य 18, 500 करोड़ रुपये का तय किया गया है। मगर उम्मीद 16000 करोड़ रुपये से ज्यादा के राजस्व प्राप्ति की नहीं हुई है।
नोटबंदी के चलते प्रदेश में लाइसेंसी दुकानों से शराब व बीयर की बिक्री का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है। शराब के फुटकर कारोबारियों के मुताबिक इस वक्त प्रदेश में शराब व बीयर की बिक्री घटकर 50 फीसदी की ही रह गई है।