लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना के तहत उत्तर प्रदेश को ‘जीरो पावर्टी’ राज्य बनाने की मुहिम तेज हो गई है। इस पहल के तहत राज्य में निर्धनता के आकलन के लिए व्यापक सर्वे किया जाएगा। मुख्यमंत्री के एलान के बाद, राज्य सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक तैयारी शुरू कर दी है। मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिलाधिकारियों और कमिश्नरों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत गांवों में कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।
दो स्तरों पर होगा निर्धनता का आकलन
इस योजना के तहत निर्धनता का आकलन दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में गांव स्तर पर कर्मचारियों का चयन किया जाएगा, जो अगले 7 दिनों के भीतर पूरा किया जाना है। इन कर्मचारियों का कार्य गरीब परिवारों की पहचान करना होगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर अधिकतम 25 निर्धनतम परिवारों का चयन किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संचालित होगी, ताकि वास्तव में गरीब परिवारों को योजना का लाभ मिल सके।
ग्राम पंचायतों में होगा सर्वे
सर्वे के दौरान प्रत्येक ग्राम पंचायत में आर्थिक रूप से सबसे कमजोर 25 परिवारों का चयन किया जाएगा। सरकार की योजना है कि इन गरीब परिवारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाकर उनकी जीवन स्थिति को बेहतर बनाया जाए। इस सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर, सरकार निर्धनता उन्मूलन की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।
मुख्य सचिव के निर्देश
मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निर्देश दिया है कि इस सर्वे को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह योजना राज्य की गरीब जनता को समर्पित है और इसमें पूरी गंभीरता से काम होना चाहिए।
राज्य को ‘जीरो पावर्टी’ बनाने का संकल्प
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल के जरिए उत्तर प्रदेश को ‘जीरो पावर्टी’ राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के गरीबों को सशक्त बनाना और उन्हें गरीबी से बाहर निकालना है। इसके साथ ही सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना, और पेंशन योजनाओं के तहत गरीबों को लाभ पहुंचाएगी।
गरीबों के लिए बड़ी उम्मीद
योगी सरकार की इस मुहिम से गरीबों के लिए एक नई उम्मीद जगी है। सर्वे के जरिए सही पात्रों की पहचान कर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है।
राज्य की जनता अब इस योजना की सफलता पर नजरें गड़ाए बैठी है, क्योंकि यह पहल सीधे तौर पर गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।