गोरखपुर । प्रदेश सरकार विकास योजनाओं में जान बूझकर बाधा खड़ा कर रही है। गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग को फोरलेन निर्माण कार्य तथा गोरखपुर फोरलेन बाईपास के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही में किये जा रहे विलम्ब इसी शरारत को प्रदर्शित करता है।
उक्त बातें गोरक्षपीठाधीश्वर एवं गोरखपुर के सांसद महन्त योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने बताया कि गोरखपुर से वाराणसी फोरलेन के लिए भारत सरकार ने रूपये 2700 करोड़ स्वीकृत किये है।
अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध परिपथ का यह राजमार्ग अन्तर्राष्ट्रीय राजमार्ग के स्तर का है। इसी कारण भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार ने इसे फोरलेन बनाने का निर्णय लिया और इसके लिए आवश्यक धनराशि भी स्वीकृत किया।
8 सितम्बर को केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस सड़क का शिलान्यास भी कर दिया। बावजूद प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन की अकर्मण्यता के कारण मात्र गोरखपुर जनपद में अबतक भूमि अधिग्रहण की कार्यवाहीं कछुआ चाल चल रही है।
92 गांवो में से अबतक 35 गांवों में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाहीं के लिए नोटिसफिकेशन जारी हो पाया है और उसमें भी किसानों को 3 से 4 गावों में मात्र रू 10 करोड़ का ही मुआवजा ही वितरित हो पाया है जबकि भारत सरकार ने अबतक 172 करोड़ भूमि अधिग्रहण के लिए दे चुकी है।
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की अकर्मण्यता, भूमि अधिग्रहण के प्रति बरती जा रही लापरवाही न केवल प्रशासनिक अकर्मण्यता को प्रदर्शित करता है अपितु राष्ट्रीय महत्व की विकास परियोजनाओं में अनावश्यक बाधा करने की कुत्सित चाल भी है। इस प्रकार लापरवाही एवं अकर्मण्यता को किसी भी स्थिति में बर्दास्त नही किया जायेगा।