झारखंड से आए श्रद्धालुओं का जत्था महाकुम्भ में संगम तट पर तिरंगा थामे, भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए राष्ट्रीय एकता का संदेश दे रहा है। मकर संक्रांति स्नान पर्व पर सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत उदाहरण पेश किया गया।
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ के मकर संक्रांति स्नान पर्व पर प्रयागराज संगम तट पर उमड़ी भीड़ में सामाजिक और राष्ट्रीय एकता का संदेश देने वाली आवाजें सुनाई देती रही। एक ओर जहां अखाड़े अमृत स्नान के लिए जा रहे थे, वहीं दूसरी ओर झारखंड से आए श्रद्धालुओं का जत्था तिरंगा हाथों में लेकर संगम की ओर बढ़ रहा था। जत्थे के सदस्य भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए संगम तट की ओर बढ़े, जिससे वहां एक राष्ट्रभक्ति का वातावरण बन गया।
मनोज कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में इस जत्थे ने महाकुम्भ में स्नान करने के साथ ही राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया। उनके साथ आए 55 श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बना। मनोज ने कहा कि महाकुम्भ पर्व हमारे समाज और संस्कृति का जीवित प्रतीक है, और इस मौके पर हम तिरंगा थामे और राष्ट्र प्रेम के नारे लगाकर एकता और अखंडता का संदेश दे रहे हैं।
इसके साथ ही, उन्होंने महाकुम्भ मेले में स्नान के दौरान की गई साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं की भी सराहना की। उनके साथ आए सभी श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ आयोजन में उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं और सफाई व्यवस्था को सकारात्मक रूप से अपनाया।
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