लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने शुक्रवार को कहा कि सूबे में छह माह से डेंगू ने महामारी का रूप ले लिया है लेकिन सपा की सरकार चैन की नींद सोती रही है। इसलिए जो सरकार समाज के स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख सकती उसे समाजवादी कहलाने का हक नहीं है।
डाॅ. मसूद अहमद ने यहां स्वास्थ्य विभाग की नाकामी पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि सरकार के अधिकारियों ने झूठा हलफनामा उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया।
यह समाजवादी सरकार के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि केवल डाॅ. लोहिया का नाम लेते रहने से कोई समाजवादी नहीं हो सकता और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह का नाम लेते रहने से किसानों का हितैषी नहीं हो सकता।
डाॅ. अहमद ने कहा कि लगभग सभी चीनी मिलों की पेराई प्रारम्भ हुये 15 दिन हो गये और गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित करने की बैठक आज हुई।
बैठक में स्वीकृत गन्ना मूल्य से गन्ना किसानों में असंतोष है, परन्तु पेराई सत्र के बीच में समर्थन मूल्य घोषित करके किसानों का स्पष्ट रूप से प्रदेश सरकार ने अहित किया है, क्योंकि इस समय गन्ने के खेत को खाली करके अगली फसल की तैयारी करना ही किसानों का मुख्य लक्ष्य है।
रालोद अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के साथ धोखा करने वाली सरकार को आगामी चुनाव में प्रदेश का किसान और नौजवान उखाड़ फेंकेगा और किसानों के मसीहा चौ. चरण सिंह द्वारा स्थापित राष्ट्रीय लोकदल को मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा कि सूबे की जनता ने सपा, बसपा और भाजपा को खूब देखा जो किसानों के नाम पर झूठ की राजनीति करते हैं। सरकार बनने के बाद ये राजनीतिक दल सबसे अधिक शोषण किसानों एवं नौजवानों का ही करते हैं।