लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने सपा सरकार द्वारा 17 कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीमर, बाथम, तुरहा, गोंड, बिंद उपजातियों को अनुसूचित जातियो की सूची में शामिल किये जाने के लिए मंत्रि परिषद में प्रस्ताव पारित कराये जाने को जनता के साथ धोखे की राजनीति बताया।
पार्टी ने इसे महज चुनावी स्टंट बताते हुए सवाल किया है कि सपा 10 वर्षो तक यूपीए के साथ सहयोगी रही आखिर उन्होंने उस समय इन जातियों को अनुसूचित में क्यों नहीं शामिल कराया ।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने अपनी सरकार में भी यह प्रस्ताव किया था और 2012 के सपा घोषणा पत्र भी यह हिस्सा था पर अखिलेश सरकार ईमानदारी की बात नहीं करती सरकार का कार्यकाल जब पूरा होने को आया तो प्रदेश की जनता को धोखा देने का यह एक और नाटक है।
इस सरकार ने मायावती के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच का वायदा भी 2012 में किया था, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और कानून व्यवस्था ठीक करने की बात की थी लेकिन सपा महज चुनावी फरेब की बाते और जनता के साथ धोखे की राजनीति के अतरिक्त कुछ भी नहीं है।
अखिलेश यादव सरकार की असफलताओं पर न तो आधे अधूरे लोकार्पण और चुनावी शिलान्यास से पर्दा डाल सकते है और न ही सरकार का कार्यकाल बीत जाने के बाद 17 उपजातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल किये जाने का प्रस्ताव पारित करने से प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था छिप सकती है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा सरकार के मुखिया पहले तो मीडिया माध्यमों में निरन्तर विज्ञापनों के माध्यम से अपनी सरकार में हो रही लूट, हत्याओं, बलात्कार, डकैती, खनिज लूट को छिपाने का प्रयास करते रहे लेकिन उसमें भी असफल होने के बाद कई महीनों तक सैफई परिवार का नाटक चलता रहा।
अखिलेश इसमें भी जनता को भ्रमित न ही कर पाये तो दौड़ते भागते शिलान्यास लोकार्पण करते हुए घूम रहे है पर जनता सच समझ चुकी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सारे दावे फेल हैं।
इन जातियों को अनुसूचित सूची में शामिल किये जाने भी एक असफल चुनावी दांव है क्यों कि जनता को मालूम है कि यह अखिलेश सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। जिन जातियों को समाजवादी पार्टी के लोग सताते रहे है आज चुनाव के समय यह स्टंट भ्रष्टाचार, अपराध, खनिज घोटाला, महिलाओं पर लगातार हो रहे अत्याचार तथा गरीबों की जमीनों पर सपाई गुड़ो द्वारा अवैध कब्जे वसूली प्रदेश की जनता भूल नहीं सकती।