लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश की समाजवादी सरकार आधुनिक तकनीकी की हिमायती है। डिजिटल तकनीकी के लिए लैपटाप वितरण करके उसने पांच साल पहले ही अपने कदम बढ़ा दिए थे और इरादे जाहिर कर दिए थे।
सरकार की सोच की ही नतीजा है कि पुलिस व्यवस्था में आज ज्यादा से ज्यादा डिजिटल तकनीकी का इस्तेमाल हो रहा है और उसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं। चाहे यूपी 100 सेवा हो या फिर महिला सहयता सेवा 1090।
मुख्यमंत्री शनिवार को लोक भवन में पुलिस सप्ताह के दौरान पुलिस अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने अराजपत्रित पुलिस अधिकारियों को ‘मुख्यमंत्री वीरता पदक’ व ‘मुख्यमंत्री प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
अखिलेश यादव ने कहा है कि ‘यूपी 100’ परियोजना से प्रदेश की पुलिस व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। वर्तमान में प्रदेश के 11 जिलों में यह परियोजना लागू है। कई अन्य जिलों में बड़े दिन से पहले इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
फील्ड स्तर पर अधिकारियों ने ‘ऑपरेशन स्माइल’ जैसे अच्छे कार्यों के माध्यम से पूरे प्रदेश और देश के लिए उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि ‘यूपी-100’ देश का नहीं बल्कि पूरी दुनिया का पहला ऐसा इमरजेंसी रिस्पान्स सिस्टम है, जो शहरी और ग्रामीण इलाके में रहने वाले सभी नागरिकों को समान रूप से सहायता मुहैया कराता है।
कहा कि जब भी कोई बड़ा परिवर्तन किया जाता है तो उसमें कुछ रुकावटें भी आती हैं और लोगों में एक मानसिक प्रतिरोध भी होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार एक ओपन, लिबरल और डेमोक्रेटिक सरकार है।
हम समाजवादियों का हमेशा यह मानना रहा है कि इतने बड़े प्रदेश में सुचारु शासन व्यवस्था के लिए ऐसे कार्यक्रमों का निरन्तर आयोजन जरूरी है, जहां कनष्ठि अधिकारियों को भी अपनी बात खुलकर रखने का मौका मिले।
समाजवादी सरकार के कार्यकाल में पिछले 05 साल से पुलिस वीक का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा रहा है, नहीं तो एक समय ऐसा भी था, जब प्रदेश में पुलिस अधिकारी, पुलिस वीक का आयोजन तो दूर की बात, अपनी बात भी नहीं रख पाते थे। श्री यादव ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में समाजवादी सरकार ने कानून-व्यवस्था और पुलिस के आधुनिकीकरण व बेहतरी के लिए ऐतिहासिक कार्य किए हैं।
तकनीक का प्रयोग कर महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 का सफलतापूर्वक संचालन किया गया, जिसमें अब तक छह लाख से अधिक शिकायतों का निस्तारण किया गया।
सेवा में शहीद पुलिस कर्मियों के आश्रितों को दिए जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 25 लाख रुपए किया। विभिन्न पदों पर करीब 43 हजार भर्तियों के साथ ही, लगभग 48 हजार कर्मियों की प्रोन्नतियां भी की गई हैं। कोई संवर्ग ऐसा नहीं है, जहां प्रोन्नतियां नहीं हुई हों।
जनकल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पेंशन योजना, निःशुल्क लैपटॉप वितरण, 108 समाजवादी स्वास्थ्य सेवा तथा 102 नेशनल एम्बुलेंस सर्विस जैसी योजनाओं का बड़े पैमाने पर लोगों को लाभ मिला है।
समाजवादी पेंशन योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों की महिला मुखियाओं के खाते में 500 रुपए की धनराशि सीधे पहुंचायी जा रही है। इसी प्रकार छात्र-छात्राओं को बड़े पैमाने पर निःशुल्क लैपटॉप दिए गए हैं। जबकि एम्बुलेंस सेवाओं का लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है।
समाजवादी लोग जीवन को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक के प्रयोग के समर्थक हैं। निःशुल्क लैपटॉप वितरण के माध्यम से प्रदेश सरकार ने समाज को डिजिटल बनाने की तरफ आज से लगभग 05 साल पहले कदम बढ़ा दिए थे। समाजवादी स्मार्ट फोन योजना भी इसी दिशा में एक और कदम है।
इस योजना के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार की मंशा इस फोन में सरकार द्वारा मुहैया करायी जा रही विभन्नि योजनाओं तथा इनके तहत दिए जा रहे लाभ के विषय में लोगों को सीधे जानकारी उपलब्ध कराकर उनके जीवन स्तर में सुधार करने की है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्मार्ट फोन गरीबों का जीवन बदल देगा।
कार्यक्रम को प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा तथा पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के अराजपत्रित अधिकारियों को उनके द्वारा प्रदर्शित अदम्य साहस व शौर्य प्रदर्शन के लिए ‘मुख्यमंत्री के वीरता पदक’ तथा ‘मुख्यमंत्री के प्रशस्ति पत्र’ से सम्मानित भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को एक स्मृति चन्हि भी भेंट किया गया।
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