पानीपत। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि सौर उर्जा वर्तमान समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। सौर उर्जा से लोगों को पर्यावरण प्रदूषण रहित बिजली मिलेगी।
सरकार ने प्रदेश में सौर उर्जा उत्पादन के विभिन्न रूपों जैसे धरातल, छत के तहत सौर उर्जा विद्युत केंद्रों के 133 मेगावाट क्षमता के प्लांट स्थापित करने का आंकलन कर लिया गया है। जिसे सरकार वर्ष 2022 तक चार हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करने की योजना पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल शुक्रवार को पानीपत थर्मल पावर प्लांट में हरियाणा पावर जनरेशन कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से 57 करोड़ 67 लाख रुपये की लागत से बनाए गए दस मेगावाट क्षमता के सौर उर्जा प्लांट का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष में स्थापित किए गए इस सौर उर्जा उत्पादन केन्द्र के चालू होने से जहां परंपरागत उर्जा स्रोत से प्राप्त होने वाले ईंधन की बचत होगी।
वहीं यह प्लांट पर्यावरण प्रदूषण रहित उर्जा देने में मिल का पत्थर साबित होगा। सौर उर्जा परियोजनाओं के लिए अग्रिम प्रबंधकीय गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं। इस प्लांट से साल भर में 180 लाख यूनिट बिजली तैयार की जा सकेगी।
यह प्लांट 48 एकड़ जमीन पर तैयार किया गया है। जिसमें एक मास्टर कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस प्लांट की निर्धारित औसत आयु 25 साल रखी गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में सौर उर्जा से अधिक-से-अधिक बिजली तैयार की जाए। इसके लिए सरकार विभिन्न संस्थानों या घरेलू उपयोग के लिए सौर उर्जा के उपकरण लगाने पर विशेष सब्सिडी देती है।
सरकार का प्रयास है कि सरकारी इमारतों पर सौर उर्जा से संचालित उपकरण लगाए जाएं ताकि प्रदेश में प्रदूषण कम फैले तथा हरियाली को बढ़ावा मिले। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने थर्मल परिसर में पौधारोपण किया तथा प्रदर्शनी का अवलोकन किया।