Sunday , November 24 2024
इस बार ड्रैगन की नहीं, भारत की होगी दिवाली

इस बार ड्रैगन की नहीं, भारत की होगी दिवाली

भारत में त्योहारों का महत्व न केवल धार्मिक होता है, बल्कि ये सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। पिछले कुछ वर्षों में, चीन द्वारा निर्मित सस्ते उत्पादों ने भारतीय बाजार पर कब्जा जमा लिया था। दीपावली के दिए, सजावट की झालरें, और पटाखे जैसे वस्त्रों में चीनी उत्पादों की भरमार थी। लेकिन अब स्थिति बदल रही है।

भारतीय उद्यमियों और टेक्नोलॉजी में सुधार के साथ, स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता और डिजाइन में भी वृद्धि हो रही है। कई कंपनियां अब दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों के लिए दीये, झालरें और इलेक्ट्रॉनिक आइटम बना रही हैं। इन उत्पादों में न केवल आकर्षक डिजाइन हैं, बल्कि ये पर्यावरण के अनुकूल भी हैं।

सरकार के ‘Make in India’ अभियान ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय निर्माता अब न केवल गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं, बल्कि वे स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी अपने उत्पादों में शामिल कर रहे हैं।

स्वदेशी उत्पादों की उपलब्धता

विभिन्न ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफार्मों पर अब स्वदेशी उत्पादों की विस्तृत रेंज उपलब्ध है। स्थानीय हस्तशिल्प, कारीगरी और आधुनिक तकनीक का समावेश कर नए-नए उत्पाद बाजार में आ रहे हैं। इसके साथ ही, उपभोक्ता अब चीनी उत्पादों के स्थान पर भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देने लगे हैं।

उपभोक्ता जागरूकता

भारतीय उपभोक्ता अब उत्पादों के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं। वे गुणवत्ता, स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को प्राथमिकता दे रहे हैं। यही कारण है कि स्वदेशी उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जिससे भारतीय उद्योग को मजबूती मिल रही है।

दिवाली 2024 पर भारतीय बाजारों की रौनक और चीन से इलेक्ट्रॉनिक्स आयात में गिरावट। आत्मनिर्भर भारत अभियान से स्थानीय व्यापारियों को बढ़ावा, साथ ही CAIT के चीनी उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान का असर।

नई दिल्ली। इस बार की दिवाली में भारतीय बाजारों में चीनी उत्पादों का बहिष्कार जोर पकड़ रहा है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने छोटे और मध्यम व्यापारियों को प्रोत्साहित किया है कि वे स्थानीय उत्पादों की बिक्री पर जोर दें। पिछले साल की तरह ही इस साल भी CAIT ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया है, जिससे भारतीय ग्राहकों को घरेलू सामान खरीदने की ओर आकर्षित किया जा रहा है।

बाजारों की सजावट: दिल्ली से लेकर लखनऊ, मुंबई, और अन्य महानगरों के बाजार दीयों और रंगोली से सजे हैं। त्योहार की चमक को बढ़ाने के लिए विशेष सजावट और रंग-बिरंगी लाइट्स लगाई गई हैं।

छूट और ऑफ़र: दीपावली की रौनक बढ़ाने के लिए दुकानदार ‘एक पर एक निशुल्क’ जैसी आकर्षक ऑफ़र दे रहे हैं, जिससे ग्राहक भारतीय उत्पादों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।

चीनी उत्पादों का बहिष्कार: पिछले साल से शुरू हुए CAIT के बहिष्कार अभियान के कारण इस बार बाजार में स्थानीय उत्पादों की मांग बढ़ रही है। सर्वेक्षण में पाया गया है कि लोग अब घरेलू सामानों की ओर रुख कर रहे हैं। NCR में 55% लोग इस बार पटाखों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

लखनऊ में दिवाली व्यापार आंकड़ा:

2021 में कुल व्यापार: लगभग 15,000 करोड़ रुपये

2022 में कुल व्यापार: लगभग 18,000 करोड़ रुपये

2023 में कुल व्यापार: लगभग 22,000 करोड़ रुपये

2024 में इस आंकड़े के 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें प्रमुख वस्तुएं स्मार्टफोन, घरेलू उपकरण, मिठाइयाँ, और सजावट सामग्री शामिल हैं।

चीनी उत्पादों की कमी और भारत की आत्मनिर्भरता:
पिछले 7 सालों में चीन से इलेक्ट्रॉनिक्स आयात में कमी आई है। 2022 में यह 10% गिरकर 67 अरब डॉलर हो गया, जिसका कारण ‘मेक इन इंडिया’ अभियान और स्थानीय उत्पादों की बढ़ती मांग है। भारतीय कंपनियां, जैसे रिलायंस और वोडाफोन, अब स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में आत्मनिर्भर हो रही हैं।

आगे की संभावनाएँ: अगर यह रुझान जारी रहा, तो भारत भविष्य में चीन से आयात पर और निर्भरता घटा सकता है।

संभावित कारण:

  1. आर्थिक सुधार: कोविड के बाद उपभोक्ता विश्वास में सुधार।
  2. ऑनलाइन खरीदारी में वृद्धि: डिजिटल खरीदारी में सहूलियत।
  3. स्थानीय उत्पादों का प्रचार: ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का असर।
  4. डिजिटल भुगतान का उपयोग: ऑनलाइन भुगतान से खरीदी में सहूलियत।

दिवाली 2024 में इस बार भारतीय व्यापारियों को नया हौसला मिला है। ‘ड्रैगन की नहीं, भारत की दिवाली’ के नारे के साथ इस बार के त्योहार पर भारतीय बाजारों में खास उत्साह देखा जा रहा है।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com