लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव वोटों का गणित साधने के लिए वृन्दावन के विधवा आश्रमों की बदहाली की बात कर रहे हैं ।
पार्टी का कहना है कि इसके पहले सरकार ने कई बार महिला सशक्तीकरण की चर्चाएं की और उनके उत्थान पर बड़े-बड़े व्याख्यान दिये हैं, लेकिन तब विधवाओं के आश्रमों की बदहाली की याद नहीं आई।
रालोद प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने गुरूवार को प्रदेश की सपा सरकार की कार्यशैली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि पांच साल का कार्यकाल समाप्त होने की बेला में मुख्यमंत्री को वृन्दावन के विधवा आश्रमों की बदहाली की याद आई है।
उन्होंने कहा कि इसके पहले सरकार ने कई बार महिला सशक्तीकरण की चर्चाएं की गई और महिला सहायता तथा महिलाओं के उत्थान पर बड़े कृबड़े़ व्याख्यान दिये,लेकिन तब विधवाओं के आश्रमों की बदहाली की याद नहीं आई।
प्रवक्ता ने कहा कि वृन्दावन के विधवा आश्रमों में तीन प्रदेश सरकार के हैं और दो केन्द्र सरकार के। मथुरा से भाजपा सांसद हेमामालिनी ने बहुत पहले ही विधवाओं के प्रति अपमान जनक टिप्पणी की थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि वे इन आश्रमों का कितना ध्यान रखेंगी। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने भी चला चली की बेला में विधवा महिलाओं के वोट साधने का प्रयास कर रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आगरा, मथुरा, वृन्दावन आदि क्षेत्रों का पहले ध्यान दिया होता तो जवाहर बाग जैसा काण्ड न होता। उन्होंने कहा कि सूबे की समाजवादी सरकार का सम्पूर्ण कार्यकाल अपने गिने चुने सहयोगियों एवं उद्योगपतियों के नाम रहा है।
अब चुनावी बेला में प्रदेश में नई कृनई योजनाओं का शिलान्यास करके मुख्यमंत्री कोने कृकोने तक विकास की गंगा बहाने की बात कह रहे हैं, जबकि उनकी इस गंगा को साकार रूप में पहुंचाने की सम्भावना क्षीण हैं।
उन्होंने कहा कि सपा सरकार का रिपोर्ट कार्ड किसान, मजदूर एवं युवा विरोधी होने के साथ साथ ग्रामीण विकास के प्रति अकर्मण्यता का रहा है,जिसका प्रतिफल आने वाले विधान सभा चुनाव में देखने को मिलेगा।