भारत पाकिस्तान की तुलना पर ट्रंप का बयान अब एक नई बहस का विषय बन गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अपने एक ट्वीट में भारत और पाकिस्तान दोनों की “मजबूत और शक्तिशाली नेतृत्व” के रूप में सराहना की, जिससे भारत में राजनीतिक हलकों और नागरिक समाज में नाराजगी देखी जा रही है।
ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत और पाकिस्तान की समझदारी ने संभावित बड़े युद्ध को टाल दिया, जिससे लाखों निर्दोष लोगों की जान बच सकी। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इस फैसले में एक सकारात्मक भूमिका निभाने में सक्षम रहा और अब वह दोनों देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा देंगे।

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हालांकि, ट्रंप के इस ट्वीट में भारत जैसे लोकतांत्रिक और आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख रखने वाले देश की तुलना पाकिस्तान जैसे आतंकवाद को शरण देने वाले देश से करना कई लोगों को खल गया।
भारतीय किसान मजदूर यूनियन दशहरी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने इस बयान को “अपमानजनक” और “भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला” बताया है।

मनीष यादव ने साफ शब्दों में कहा कि “भारत को पाकिस्तान जैसे आतंकी पोषक देश की श्रेणी में रखे जाने का कोई औचित्य नहीं है। यह न केवल भारत का अपमान है, बल्कि हमारे शहीदों के बलिदान को भी अनदेखा करने जैसा है। भारत सरकार को इस पर तुरंत आपत्ति दर्ज करानी चाहिए।”
संगठन की मांग है कि भारत सरकार को अमेरिका से इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति दर्ज करानी चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि भारत की तुलना आतंकवाद पोषक देश से करना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और सीमा पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं के बीच ट्रंप का यह बयान राजनयिक रूप से असंवेदनशील माना जा रहा है। भारत में ट्विटर पर #IndiaPakistanWar2025, #PakVsIndia जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहां आम जनता और विश्लेषक इस तुलना पर खुलकर अपनी नाखुशी जाहिर कर रहे हैं।
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