हैदराबाद । प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति में ‘विलंब’ को लेकर चिंता जाहिर किए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एन संतोष हेगडे ने आज आगाह किया ।
इस स्थिति की वजह से ‘विवादों का निपटारा’ करने के लिए भूमिगत तत्व जैसे ‘सभी तरह की व्यस्थाएं’ जगह बना सकती हैं।
हेगडे ने कहा कि तकरीबन सभी उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 50 फीसदी पद खाली पडे हैं। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘स्थिति यह है कि ‘मामलों के निस्तारण’ में 10 से 15 वर्ष का समय लग जाता है। आने वाले दिनों में क्या होगा? व्यवस्था में लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा।
पूर्व न्यायाधीश ने कहा, ‘‘एक बार व्यवस्था में लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा तो सभी तरह की व्यवस्थाएं अस्तित्व में आ जाएंगी, भूमिगत लोग कहेंगे कि वे विवादों का निपटारा करेंगे, कर्ज की बरामदगी करेंगे, गुंडे जाएंगे और कब्जा कर लेंगे और तथाकथित ‘न्याय’ करेंगे।”
उच्चतम न्यायालय ने कल कहा था कि कॉलेजियम की अनुशंसा के बावजूद उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करके सरकार न्यायपालिका को ठप नहीं कर सकती।