मऊ। जनपद के मधुबन तहसील क्षेत्र अंतर्गत उन्दुरा गांव में स्थित सूफी संत हजरत शाह मोहम्मद मोइनुद्दीन साहब का 77वां और हजरत शाह मोहम्मद मुख्तार अहमद साहब का 39वां सालाना उर्स पूरी अकीदत और शांति के साथ संपन्न हुआ।
भीषण गर्मी और उमस के बावजूद दूर-दराज़ से आए हज़ारों जायरीनों की श्रद्धा मौसम पर भारी पड़ी।
दो दिवसीय इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों जैसे महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि से बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचे। इस मौके पर दोनों संतों की मजार पर माथा टेकने वालों में हर समुदाय के लोग शामिल रहे, जिससे यह आयोजन गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल बन गया।
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उर्स की शुरुआत कुरआन की तिलावत से हुई, जिसके बाद दिनभर मजलिस और इबादत का सिलसिला चलता रहा। उर्स के दूसरे दिन असर की नमाज के बाद सज्जादा नशीन शाह मोहम्मद इजहार अहमद मोईनी के नेतृत्व में नातिया कव्वाली के साथ चादरपोशी का जुलूस निकाला गया।
शाम करीब 6:30 बजे मजारों पर चादरपोशी की रस्म अदा की गई और सामूहिक दुआ के साथ उर्स का समापन हुआ।
मजार कमेटी के प्रबंधक शाह गुलाम मोहम्मद नूरानी ने उर्स को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन पूरी मुस्तैदी से तैनात रहा, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हो सका।
इस दौरान बच्चों और महिलाओं के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा मेला।
बच्चों ने झूलों और खिलौनों का आनंद लिया, वहीं महिलाओं ने जमकर खरीदारी की।
यह आयोजन धार्मिक ही नहीं, सामाजिक उत्सव की तरह लोगों के बीच अपनापन और भाईचारा बढ़ाने वाला रहा।
मजार कमेटी के इन लोगों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका:
एडवोकेट शाह मोहम्मद अहमद, शाह मोहम्मद इकबाल, शाह मोहम्मद शाहिद, विश्वजीत सिंह, दिनेश कुमार, आलमगीर उर्फ नन्हे भाई, सुहैल अहमद, रहमत अली, बिस्मिल्लाह अब्दुल्ला, बृजवासी चौहान, मोहम्मद राजा अली, मोहम्मद सादिक आदि।
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