“बनारस के यूपी कॉलेज के छात्रों द्वारा वक्फ बोर्ड के खिलाफ विरोध के बाद, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रों ने भी पुतला दहन किया। छात्रों ने वक्फ बोर्ड के फैसले का जमकर विरोध किया।”
वाराणसी। बनारस स्थित यूपी कॉलेज की संपत्ति पर वक्फ बोर्ड के दावे के विरोध में कुछ दिनों पहले वहां के छात्रों ने हनुमान चालीसा पढ़ने का प्रयास किया था। वहीं इसी मामले का महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रों ने भी जमकर विरोध किया। जिसके बाद छात्रों ने वक्फ बोर्ड का पुतला दहन किया। छात्रों ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए वक्फ बोर्ड के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
उधर, यूपी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डीके सिंह ने छात्रों से सौहार्द बनाए रखने की अपील की और कहा कि सभी को इस मामले में संयम बरतना चाहिए।
इस बीच, छात्र नेता शिवम तिवारी ने कहा कि वे यूपी कॉलेज के छात्रों के साथ खड़े हैं और सरकार से जल्द से जल्द वक्फ बोर्ड पर कार्रवाई करने की मांग की। छात्रसंघ अध्यक्ष प्रत्याशी आशुतोष तिवारी ने कहा कि यूपी कॉलेज का स्थापना 1909 में हुआ था, जबकि वक्फ बोर्ड का गठन 1954 में हुआ। ऐसे में कॉलेज की जमीन पर बोर्ड का दावा नहीं बनता।
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वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 2021 में ही नोटिस को निरस्त कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में अब कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और छात्रों को अफवाहों से बचकर शांति बनाए रखनी चाहिए।
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