“उत्तर प्रदेश की मीरापुर विधानसभा सीट पर आगामी चुनावों के लिए सियासी माहौल गर्मा चुका है। रालोद, सपा, बसपा, एआईएमआईएम और आजाद समाज पार्टी के बीच चुनावी मुकाबला रोमांचक बना हुआ है। जानें इस सीट के जातीय समीकरण और उम्मीदवारों की स्थिति।“
मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट पर आगामी चुनावों के लिए सियासी हलचल तेज हो गई है। रालोद के पूर्व विधायक चंदन चौहान की सांसद बनने के बाद खाली हुई इस सीट पर अब कई प्रमुख दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। रालोद ने मिथलेश पाल को मैदान में उतारा है, वहीं सपा ने पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू सुम्बुल राणा को प्रत्याशी बनाया है।
इसके अलावा, बसपा ने शाहनजर को टिकट दिया है, जबकि एआईएमआईएम और चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी से भी मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। कुल मिलाकर, मीरापुर सीट पर 11 प्रत्याशी हैं और मुकाबला रोमांचक होने की संभावना है।
मीरापुर का जातीय समीकरण
मीरापुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 5.94 लाख मतदाता हैं, जिनमें 38% मुस्लिम, 37% ओबीसी, 19% एससी, 5% सामान्य वर्ग और 1% अन्य जाति के वोटर हैं। इस जातीय समीकरण के हिसाब से मुस्लिम और ओबीसी वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। खासकर मुस्लिम वोटरों का प्रभाव यहां मजबूत है, और इस बार आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार से इस वोट बैंक में एकजुटता देखने की संभावना है।
महिलाओं का अहम रोल
मीरापुर में कुल 1.52 लाख महिला वोटर हैं, जो चुनावी परिणाम पर अहम प्रभाव डाल सकती हैं। इन महिला वोटरों की भागीदारी और टर्नआउट चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है।
प्रत्याशियों की स्थिति:
मिथलेश पाल (रालोद):
रालोद के मिथलेश पाल, जो एक स्थानीय नेता हैं, हिंदू वोटों के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।
सुम्बुल राणा (सपा):
सपा की सुम्बुल राणा मुस्लिम वोटों, खासकर झोझा बिरादरी के वोटरों का समर्थन पाने की कोशिश करेंगी।
शाहनजर (बसपा)
बसपा की शाहनजर मुस्लिम और दलित वोटों पर अपना दावा करेंगी, लेकिन पार्टी का प्रभाव पहले जैसा नहीं रहा।
आजाद समाज पार्टी और एआईएमआईएम
इन दलों के उम्मीदवार मुस्लिम वोटों को खींचने की कोशिश करेंगे, लेकिन इनका प्रभाव सीमित नजर आता है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
मीरापुर में इस बार सपा और रालोद के बीच सीधा मुकाबला होगा। मुस्लिम वोटों का बिखराव रालोद के पक्ष में जा सकता है। सीएम योगी की रैली के बाद मुकाबला और भी टाईट हो गया है।
चुनावी मुकाबला
मीरापुर विधानसभा सीट पर इस बार सियासी हलचल के चलते चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प और रोमांचक होने की उम्मीद है। रालोद और सपा के बीच कड़ा मुकाबला होगा, जबकि बसपा और अन्य छोटे दल भी अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सक्रिय हैं। मुस्लिम वोटों के बिखराव और ओबीसी वोटों का महत्व इस चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकता है।
मीरापुर में चुनावी माहौल अब पूरी तरह से सियासी दलों के लिए चुनौतीपूर्ण बन गया है।
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विशेष संवाददाता: मनोज शुक्ल