नयी दिल्ली। महेंद्र सिंह धौनी का वनडे और टी-20 टीम से कप्तानी छोड़ देने के बाद विराट कोहली को तीनों प्रारुपों का कप्तान बनाया गया है।
कोहली को इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के लिए टीम की कप्तानी सौंपी गई है, जिसमें युवराज सिंह और आशीष नेहरा ने भी वापसी की है।
यह संयोग ही रहा कि महेंद्र सिंह धौनी ने कप्तानी से जैसे ही रिजाइन किया उसके अगले दिन ही इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में युवराज सिंह की वापसी हो गई ।
एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय चयन समिति ने लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे युवराज सिंह और आशिष नेहरा को टीम में जगह दे दी। हालांकि धौनी की कप्तानी में युवराज सिंह ने कई मैच खेले हैं। विश्वकप 2011 को भला कौन भूल सकता है।
भारत ने इसी वर्ष धौनी की अगुआई में दूसरी बार विश्वकप जीता। इस जीत में युवराज सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण रही। युवी के शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैच ऑफ दी सीरीज चुना गया।
युवराज सिंह की टीम इंडिया में इंट्री और महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी से रिजाइन के बाद योगराज सिंह को सबसे अधिक राहत मिली होगी। क्योंकि योगराज सिंह भारतीय टीम में युवी के चयन नहीं होने के पीछे धौनी को ही जिम्मेवार मानते आ रहे थे।
योगराज ने कई बार अपने बयान में साफ कहा कि धौनी के कारण ही उनके बेटे को टीम में जगह नहीं मिल पा रही है। विश्वकप 2015 में युवराज सिंह को टीम में शामिल नहीं करने पर तो योगराज सिंह ने धौनी को काफी भला-बुरा कह दिया था।
दो साल के बाद युवराज सिंह भारतीय टीम के साथ जुड़ रहे हैं। उन्होंने आखिरी बार वनडे मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 11 दिसंबर 2013 को मैच खेला था उसके बाद युवी लगातार टीम से बाहर चल रहे थे। लेकिन आखिरकार युवी पर चयन समिति ने भरोसा दिखाया और उन्हें टीम में जगह दे दी गयी।
टीम में चयन से युवराज सिंह के चेहरे की चमक बढ़ गई हैं। युवराज के लिए इंग्लैंड दौरा काफी अहम होगा। 15 जनवरी से आरम्भ हो रही 3 मैच की वनडे श्रृंखला में उनके प्रदर्शन से ही उनके भविष्य की दिशा और दशा तय होगी।