धुबड़ी। निचले असम के धुबड़ी जिले से बांग्लादेश को लगने वाली 135 किमी की सीमा का जायजा लेने के लिए पांच सदस्यीय विधायकों का दल पहुंचा है। इस दल का नेतृत्व भाजपा के विधायक पद्म हजारिका कर रहे हैं। अन्य विधायकों में तपन गोगोई, मृणाल सैकिया, गुरुज्योति दास, प्रमोद बरठाकुर, जोगेन महंत के अलावा राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव डीएस भास्कर और एडीजीपी आर चंद्रनाथन भी शामिल हैं। इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
विधायकों का दल गुरुवार को धुबड़ी जिले के नदी वाले 45 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा का जायजा लेने पहुंचा। जिसमें मुख्य रूप से गाछपाड़ा, साहपाड़ा, क्यूमारी, महामाया चर इलाकों का दौरा किया। धुबड़ी जिले में भारत-बांग्लादेश की नदी वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा तीन नदियों के बीच से होकर गुजरती है। जिसमें ब्रह्मपुत्र नद, गंगाधर नदी और जिंजिराम नदी शामिल हैं। ये सीमा पूरी तरह से खुली हुई है।
उल्लेखनीय है कि यह दल बीते कल ही धुबड़ी जिला में पहुंचा था। बीते कल जिले के गोलकगंज इलाके के 90 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा के टीला नं. 1000 से 1031 नंबर के रूस्तम बीओपी तक का दौरा किया। मुख्य रूप से भोकडांगा, रामराइकुटी के इलाकों का बारीकी से जायजा लिया। 90 किमी लंबी सड़क मार्ग से जुड़ी सीमा पर पूरी तरह से बाड़ लगाई जा चुकी है। यहां से अवैध घुसपैठ लगभग पूरी तरह से बंद हो चुकी है।
विधायकों के दल को अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी और अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की बीएसएफ ने जानकारी दी।
ज्ञात हो कि धुबड़ी जिले से नदी सीमा खुली होने का फायदा उठाते हुए अवैध घुसपैठिएं भारत की सीमा में प्रवेश करते हैं, साथ ही इसी रास्ते पशुओं और अन्य सामानों की तस्करी भी होती है। बीएसएफ 24 घंटे गश्त लगाती रहती है, बावजूद तस्कर और घुसपैठिए मौका मिलते ही अपने मंसूबों को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं। केंद्र सरकार ने नदी मार्ग पर भी बाड़बंधी की योजना पर काम कर रही है। सीमा अगर पूरी तरह से सील हो गई तो भारत में बांग्लादेश से घुसपैठ करना पूरी तरह से बंद हो जाएगा।