केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को नए साल का तोहफा देते हुए उनकी न्यूनतम पेंशन की सीमा बढ़ाकर 9000 रुपये प्रति व्यक्ति कर दी है। इसके आलावा क्षतिपूर्ति की रकम भी बढ़ाकर अब दोगुना कर दी गई है। केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को बताया कि इन दोनों अहम् बदलावों का फायदा देश में करीब 50.55 लाख पेंशन पाने वाले लोगों को मिलेगा।
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आधार हुआ अनिवार्य
स्वयंसेवी एजेंसियों की स्थायी समिति की 29वीं बैठक को संबोधित करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि करीब 88 प्रतिशत पेंशन खातों को आधार से जोड़ा गया है। बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 50 लाख पेंशनभोगियों और करीब चार करोड़ अंशधारकों के लिये जनवरी के अंत तक आधार संख्या उपलब्ध कराने को अनिवार्य कर दिया गया है। जिन अंशधारकों या पेंशनभोगियों के पास आधार नहीं है, उन्हें माह के अंत तक यह सबूत देना होगा कि उन्होंने इसके लिये आवेदन कर दिया है। यह ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठाने के लिये जरूरी बना दिया गया है।
कार्मिक मंत्रालय ने उठाया अहम् कदम
कार्मिक मंत्रालय की प्रेस रिलीज के मुताबिक, उन्होंने कहा कि न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 9000 रुपए प्रति व्यक्ति कर दी गई है और क्षतिपूर्ति राशि 10.15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25.35 लाख रुपये कर दी गई है। समिति की बैठक पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा आयोजित की गई। सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के ज्ञान, अनुभव और प्रयासों का अच्छा उपयोग करने के लिए संस्थागत तंत्र बनाने की जरूरत है जो वर्तमान परिस्थितियों में मूल्यों को बढ़ाने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी भारत के लिए स्वास्थ्यकर एवं उत्पादक कार्यबल हैं और हमें उपयोगी दिशा में उनकी उर्जा को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
पिछले दिनों पेंशन के विषय में देरी पर रोक लगाने और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए केंद्र ने अपने सभी विभागों को पेंशन विषयक मामलों का अनिवार्य तौर पर ऑनलाइन प्रणाली से निपटान करने का निर्देश दिया था। इस कदम से कर्मचारियों के वास्ते सेवानिवृति पश्चात लाभों को समय पर मंजूरी मिलेगी। कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों को निर्देश जारी किया है कि पेंशन के मामलों का निपटान इलेक्ट्रोनिक तरीके से किया जाए।