लखनऊ। राज्य विधान सभा चुनाव में पराजित होने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर उठाये गये सवाल का समर्थन करते हुए मांग की कि इसकी जांच कराये बगैर लोकसभा का चुनाव ईवीएम से न कराया जाये। लोकसभा का चुनाव मतपत्रों के जरिये कराये जायें।
ईवीएम पर जब सवाल उठ ही गया है तो इसकी जांच हो ही जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि 30 सितम्बर से पहले पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि 2022 में सपा के सत्ता में वापस के बाद मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धुलवाएंगे।
सपा के जन्मदाता मुलायम सिंह यादव, पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव और मोहम्मद आजम खां की गैरमौजूदगी में शनिवार को यहां पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुई। इसी बैठक में आगामी 30 सितम्बर से पहले पार्टी अध्यक्ष के चुनाव का निर्णय लिया गया। पार्टी की सदस्यता शुल्क दस रुपये से बढ़ाकर बीस रुपये करने का निर्णय किया गया।
श्री यादव ने बताया कि 15 अप्रैल से दो महीने तक सदस्यता अभियान चलाया जायेगा। बूथ स्तर तक पार्टी से युवाओं को जोडा जायेगा। पार्टी संविधान में बदलाव का भी निर्णय लिया गया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारणो की समीक्षा विधानसभा क्षेत्रवार की जा रही है।
विधानसभा चुनाव में ईवीएम को लेकर उठे सवाल पर श्री यादव ने कहा कि इसकी जांच कराये बगैर लोकसभा का चुनाव ईवीएम से न कराया जाये। लोकसभा का चुनाव मतपत्रों के जरिये कराए जायें। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर जब सवाल उठ ही गया है, तो इसकी जांच हो ही जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि कई लोगों ने उन्हें शपथ पत्र तक देने को कहा। ऐसे लोगों का कहना है कि वोट उन्होंने सपा को ही दिया है।
श्री यादव ने कहा कि उन्होंने कहा कि भाजपा लोगों को बहका ले गयी है। जदी ही जनता इन्हें समझ जायेगी। उनका कहना था कि इस चुनाव से उन्हें पता चल गया है कि समझाने से नहीं बहकाने से वोट मिलता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि योगी सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक का वह इन्तजार कर रहे हैं। मंत्रिमंडल की पहली बैठक में कई लोकलुभावन निर्णय लिये जाने की घोषणा की गयी थी।
उन्होंने कटाक्ष किया कि सरकार तो अभी झाडू लगा रही है। उन्हें तो पता ही नहीं था कि अधिकारी इतना अच्छा झाडू लगाते हैं। पता होता तो वे भी झाडू लगवाते । मायावती की तर्ज पर अखिलेश ने भाजपा सरकार पर सपा सरकार की योजनाओं को नाम बदलकर चलाने का आरोप लगाया। इस कड़ी में एंटी रोमियो अभियान की चर्चा करते हुए अखिलेश ने कहा कि सपा सरकार के 1090 का नाम हटाकर एंटी रोमियो किया गया है।
एंटी रोमियो अभियान में कई जगह सही लोगों को भी परेशान किया जा रहा है, जबकि उनकी सरकार में शुरु किये गये 1090 लड़कियों के लिए बेहद लाभदायक योजना है।
जब उनसे पूछा गया कि योगी जी मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हवन पूजन करा रहे हैं। तो इस पर उन्होंने कहा कि 2022 में उनकी सरकार वापस आयेगी। सरकार आने पर मुख्यमंत्री निवास पांच कालीदास मार्ग को गंगाजल से धुलवाया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि योगी जी मुख्यमंत्री आवास में गाय पालने के लिए कहा है।
अखिलेश ने बतायाकि जब वे मुख्यमंत्री आवास में रहते थे तो तीन मोर वहां पर आए थे और रह रहे थे। सपा सरकार के आने के बाद वे देखेंगे कि ये तीनों मोर कहां गए। अखिलेश ने कहा कि श्री योगी उम्र में उनसे भले ही एक साल बडे़ हैं, लेकिन काम में वह मुकाबला नहीं कर सकते। उन्होंने बहुत काम करवाया है।
बैठक की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राज्यसभा सदस्य प्रो.रामगोपाल यादव, जया बच्चन, पार्टी उपाध्यक्ष किरनमय नंदा,नरेश अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम आदि मौजूद थे।