नई दिल्ली। भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान को दिए गए विशेष राष्ट्र का दर्जा (एम.एफ.एन.) पर पुनर्विचार कर रहा है। इस मुद्दे पर अाज एक मीटिंग बुलाई गई थी, जाेकि रद्द हाे गई है। अब पीएम मोदी की अध्यक्षता में हाेने वाले यह बैठक अगले सप्ताह हाेगी। उरी हमलों के मद्देनजर भारत इस दर्जे को वापस लेने या इस मुद्दे पर उसे विश्व व्यापार संगठन में घसीटने के विकल्प पर भी विचार कर सकता है।
भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था। एमएफएन स्टेट्स दिए जाने पर दूसरे देश इस बात को लेकर आश्वस्त रहता है कि उसे व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। इसकी वजह से पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है। यह वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के तहत होता है। हालांकि, पाकिस्तान ने आश्वासन देने के बावजूद भारत को अब तक एमएफएन दर्जा नहीं दिया है।
पाकिस्तान को दिए गए एम.एफ .एन. स्टेटस (तरजीही राष्ट्र का दर्जा) को वापस लिए जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 29 सितम्बर को बुलाई गई बैठक से पूर्व अमृतसर के व्यापारी वर्ग ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। अमृतसर के व्यापारियों ने साफ तौर पर कहा कि बेशक उनके लिए बिजनैस अहमियत रखता है लेकिन यह देश की प्रतिष्ठा से बढ़ कर नहीं है और यदि सरकार पाकिस्तान को दिए गए तरजीही राष्ट्र के दर्जे को वापस लेती है तो वे सरकार के फैसले का स्वागत करेंगे। पाकिस्तान के साथ होने वाले ट्रेड का एक बड़ा हिस्सा अमृतसर में वाघा सीमा के जरिए होता है।
हमारे लिए देश सबसे पहले है। व्यापार तो होता ही रहेगा लेकिन यदि पाकिस्तान को सख्त सन्देश देने के लिए सरकार एम.एफ .एन. स्टेटस वापस ले रही है तो व्यापारी उसका स्वागत करेंगे।
जो माल पाकिस्तान को भेजा जा रहा है उसके अन्य विकल्प ढूंढे जा सकते हैं और भारतीय व्यापारी ऐसा करने में सक्षम हैं। यदि पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सरकार एम.एफ .एन. स्टेटस वापस लेती है तो व्यापारियों को इस पर कोई एतराज नहीं है।