भोपाल/राजगढ़। कई मामलों में सुरक्षा और दुर्घटनाओं का सबब बन चुके ड्रोन कैमरा प्रदेश के खुले आसमान में बिना अनुमति उड़ान भर रहे हैं जबकि भारत सरकार ड्रोन कैमरा उड़ाने को लेकर अपनी ओर से नियम साफ कर चुका है। बावजूद इसके प्रदेश में इस पर रोक लगाने के लिए एविएशन विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। इन कैमरों के सस्ते होने और बाजार में आसानी से उपलब्ध होने के चलते इन्हें बिना किसी रोक-टोक के इनका इस्तेमाल किया जा रहा है।
हाल ही में ब्यावरा के एक शादी समारोह में ड्रोन कैमरे के उपयोग के बाद से चलन में आए इस कैमरे का अब धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक राजगढ़ जिला मुख्यालय पर शनिवार शाम से देर रात तक मां जालपा तक निकली चुनरी यात्रा का कवरेज ड्रोन कैमरे से किया गया। गाहे बगाहे यह कैमरे प्रशासन की बिना अनुमति के संचालित हो रहे हैं।
वर्तमान में भारत पाक में ठनी हुई है और चायना से आए यह कैमरे विशेष रेडियो फ्रीक्वेंसी पर इस्तेमाल किए जा रहे है। यही रेडियो फ्रीक्वेंसी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा प्रयोग की जाती है। ऐसे में बिना अनुमति के चल रहे यह कैमरे आम नागरिक की सुरक्षा के लिए खतरा है।
भारत में ड्रोन के कमर्शियल इस्तेमाल का मामला अटका पड़ा है। होम, टेलीकॉम और डिफेंस मिनिस्ट्री से मंजूरी मिलने में देरी के कारण डायरेक्टोरेट जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के इस प्लान पर अमल नहीं हो पा रहा है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने इन मंत्रालयों से मंजूरी मांगी है, लेकन अब तक जवाब नहीं आया है। भारत के अलावा अमेरिका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ड्रोन के कमर्शियल आपरेशन के लिए नियम बना रहे हैं। दरअसल, इन सरकारों की चिंता बिना चालक वाले इन एरियल व्हीकल्स के सुरक्षा संबंधी जोखिम को लेकर है।
मप्र विमानन विभाग की अनदेखी के चलते ड्रोन कैमरा बिना परमिशन आसमान में उड़ान भर रहे हैं। जबकि कैमरे को उड़ाने के लिए भारत में नियमों के मुताबिक, सिर्फ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की अनुमति से ही उड़ाया जा सकता है। फिलहाल इसका इस्तेमाल शादियों, राजनैतिक आयोजनों, डाक्यूमेंट्री फिल्मों के साथ ही अन्य कामों के लिए किया जा रहा है।
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