कानपुर। कानपुर-बुंदेलखण्ड में सबसे अधिक कृषक मतदाताओं को देखते हुए कांग्रेस ने इस वर्ग पर अपनी पकड़ बनाने के लिए पत्रक को जरिया बनाया है। इस क्षेत्र के संभावित उम्मीदवार अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक हजार किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं को लिपिबद्ध कर पार्टी से जोड़ने का काम करेगें।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव फतह करने के लिए कांग्रेस पीके की रणनीति के तहत राहुल गांधी की अगुवाई में छह सितम्बर से यात्रा निकालने जा रही है। यात्रा देवरिया से शुरू होगी और 15 को कानपुर पंहुचेगी। इस दौरान राहुल किसानों से चौपाल लगाकर उनकी समस्याओं को सुनेगें। प्रदेश उपाध्यक्ष व कानपुर बुंदेलखण्ड की जिम्मेदारी संभाल रहे राजाराम पाल ने बताया कि इस क्षेत्र के सभी संभावित उम्मीदवारों को निर्देशित कर दिया गया है कि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में अधिक से अधिक किसानों को पार्टी की विचारधारा से जोड़ें। इसके लिए पार्टी पांच पेज का एक पत्रक दिया है। जिसमें बिन्दुवार किसानों की समस्याओं को चौपाल लगाकर लिपिबद्ध किया जाएगा। मूल कॉपी किसान के पास रहेगी और उसकी प्रतिलिपि उम्मीदवार व अन्य पदाधिकारी जिला कार्यालय में जमा करेंगे। समय-समय पर किसानों से संपर्क भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसानों की वास्तविक समस्याएं जानने के बाद इसे चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। फिलहाल एक विधानसभा क्षेत्र से 10 हजार किसानों की समस्याओं को पार्टी जानने की कोशिश में जुटी हुई है।
पीके का पत्रक फार्मूला –
कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री ने बताया कि अब कांग्रेस के उम्मीदवार 16 सितंबर से ग्रामीण इलाकों में जाएंगे। वहां वह किसानों से मिलेंगे और मोदी सरकार की किसान विरोधी नीति के बारे में चौपाल लगाकर चर्चा करेंगे। इतना ही नहीं जिस गांव में उम्मीदवार चौपाल लगाएंगे वहां कम से कम सौ से दौ सौ पत्रक बनाने होंगे। पत्रक में कांग्रेस का चुनाव चिन्ह अंकित होगा व राहुल गांधी, शीला दीक्षित, राजबब्बर के हस्ताक्षर भी है। पांच पेज के पत्रक में उम्मीदवार जुड़ने वाले किसान का पूरा विवरण व समस्याएं भरेगें।
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