अयोध्या। रामनगरी की ऐतिहासिक पंचकोसी परिक्रमा व्यापक सुरक्षा प्रबंधों के मध्य सकुशल सम्पन्न हुयी। रामनगरी अयोध्या में पंच कोस की परिधि में आस्था की डोर से बंधी रही।
परिक्रमा की शुरूआत गुरूवार को पूर्वाहन 04 बजे से ही हो गयी थी। पूरे दिन परिक्रमा संचालित होती रही। पूरी अवध नगरी जयश्रीराम, जयसरयू मैया के जयकारों से गुंजायमान हो रही थी। एक ओर जहां परिक्रमा पथ पर श्रद्धालुओं का प्रवाह बढ़ता जा रहा था तो वहीं दूसरी ओर परिक्रमा पूर्ण करने वाले श्रद्धालु सरयू स्नान से लेकर अपने आराध्य की चैखट पर माथा टेकने को उमड़ रहे थे।
जैसे-जैसे परिक्रमा समापन की ओर बढ़ रही थी वैसे-वैसे श्रद्धालुओं का हुजूम मेलाक्षेत्र के आतंरिक मार्गों पर बढ़ता दिखने लगा था। सरयू के घाट पर ब्रह्ममुहूर्त से ही श्रद्धालुओं का जमघट लग गया था। श्रद्धालुओं का अंतहीन काफिला भोर से लेकर शांयकाल तक पावन सलिला सरयू में डुबकी लगाता रहा। सरयू स्नान के बाद श्रद्धा का सैलाब विभिन्न मंदिरों की ओर उन्मुख होता रहा। विभिन्न मंदिरों हनुमानगढ़ी, कनकभवन, रामलला के दर्शनार्थ लाखों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इसी बीच बहुत से ऐसे श्रद्धालु भी थे जो परिक्रमा पूर्ण कर अपने आराध्य की चौखट पर आस्था निवेदित करने के उपरांत घर वापसी की राह पर थे, तो वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालु अभी भी रामनगरी में जमे हुये हैं।
पंचकोसी परिक्रमा सकुशल सम्पन्न होने के साथ ही प्रशासन ने राहत की सांस ली है। कार्तिक परिक्रमा मेले के दो चरण प्रशासन ने सारी विपरीत संभावनाओं को निर्मूल साबित करते हुये सकुशल निपटा लिया है। अब मेले के आखिरी चरण कार्तिक पूर्णिमा को निपटाने की तैयारी में प्रशासन जुट गया है।
आतंकी दृष्टि से संवेदनशील रामनगरी की सुरक्षा को जिला प्रशासन ने अभेद्य कर रखा था जिसका परिणाम रहा दोनों परिक्रमा आस्था की मिशाल बनी।मेले की सुरक्षा की कमान एटीएस के हवाले रहे तो वहीं आरएएफ, पीएसी के जवान मुस्तैद रहा। खुफिया टीमें सतत मेलाक्षेत्र में सक्रिय रही। होटल, धर्मशालाओं की निरन्तर चेकिंग भी जारी रहा। जगह-जगह बैरियर लगाकर सुरक्षा प्रबंधों को मजबूती प्रदान करने का काम किया गया।