लखनऊ । एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने सोमवार को गायत्री प्रजापति को दोबारा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ में याचिका दायर की। उन्होंने याचिका में कहा है कि गायत्री प्रजापति को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई जाँच के आदेश और सीबीआई रिपोर्ट के बाद भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के कारण मंत्री पद से हटाया गया है।
डॉ. नूतन ने कहा कि मंत्री को संविधान के अनुच्छेद 164 में अपने पद से तब हटाया जाता है जब वे राज्यपाल का विश्वास खो बैठते हैं। श्री प्रजापति को मंत्री पद से इसीलिए हटाया गया क्योंकि वे राज्यपाल का विश्वास खो बैठे थे, इसलिए उन्हें दोबारा तब तक मंत्री नहीं बनाया जा सकता जब तक उनके विश्वास खोने के कारणों को दूर नहीं कर लिया जाता। उन्होंने कहा,’ मैंने इसके खिलाफ राज्यपाल राम नाईक के पास याचिका दी थी, जिसे सुनने के बाद उन्होंने विधिक राय लेने का आश्वासन दिया था। लेकिन प्रजापति को दोबारा मंत्री बनाया गया है इसलिए मैं याचिका दायर कर रही हूं।’ नूतन के अधिवक्ता अशोक पाण्डेय ने कहा कि एस आर बोम्मई सहित उच्चतम न्यायालय के विभिन्न निर्णयों में कहा गया है कि अदालत संविधानिक निर्णयों का न्यायिक परीक्षण कर सकती हैं। इसी आधार पर इस मामले को देखे जाने की प्रार्थना की गयी है।