लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में स्थापित किये गये गेहूं क्रय केन्द्रों पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्रों पर आने वाले किसानों को कोई दिक्कत न हो अन्यथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रतिदिन होने वाली खरीद की मॉनीटरिंग की जाए और खरीद का ब्योरा रखा जाए। यह व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए कि क्रय केन्द्रों पर गेहूं खरीद के उपरान्त खरीद मूल्य का भुगतान किसान को 48 से 72 घण्टे में कर दिया जाए। उन्होंने अपने मंत्रिमण्डल के सदस्यों तथा विधायकों को गेहूं क्रय केन्द्रों का निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि यह केन्द्र निश्चित दूरी पर स्थापित किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां शास्त्री भवन में आयोजित खाद्य एवं रसद विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवलोकन के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद योजना के तहत गेहूं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के तय मानकों को मानना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खरीद केन्द्र के संचालक खरीद एजेन्सी के साथ समन्वय स्थापित करें। उन्होंने कहा कि किसान साफ-सुथरा गेहूं ही क्रय केन्द्रों पर लेकर जाएं, ताकि उन्हें कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। गेहूं खरीद के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसान को क्वालिटी के नाम पर अनावश्यक परेशान न किया जाए। यदि ऐसा हो तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने खरीदे गये गेहूं के भण्डारण के लिए गोदामों की कमी होने पर सहकारिता विभाग के तहत उपलब्ध भण्डारण ग्रहों का उपयोग करने के निर्देश दिये।
श्री योगी ने पीडीएस के विषय में कहा कि इसमें व्यापक सुधारों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के अन्तर्गत खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था में अनेक खामियां हैं, जिन्हें तत्काल दूर करने की आवश्यकता है, ताकि वास्तविक लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा कि यदि कोई कोटेदार ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसकी जगह पर नये कोटेदार को चुनकर उसे कोटा आवंटित कर दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को एसडीएम से राशन कोटे की दुकान के निलम्बन का अधिकार वापस लेने के निर्देश देते हुए कहा कि यह अधिकार सिर्फ जिलाधिकारी को दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी श्रेणी के लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दो श्रेणियों के तहत पात्रों के चिन्हीकरण व चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं। यह जानकारी मिलने पर कि अभी काफी बड़ी संख्या में अन्त्योदय कार्डों का वितरण नहीं हुआ है, उन्होंने कहा कि इस बात का पता लगाया जाए कि उनके हिस्से के आवंटित खाद्यान्न की उठान हो रही है। यदि हां तो वह कहां जा रहा है।
उन्होंने पिछले खाद्यान्न घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि आवश्यकता पड़ने पर इसकी फिर से जांच करायी जाएगी। उन्होंने बीपीएल परिवारों का नया सर्वे करवाने के निर्देश दिये, जिससे वास्तविक और जरूरतमन्द परिवारों का पता लगाकर उनकी सूची बनायी जा सके और उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत लाभान्वित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने पीडीएस के तहत उपलब्ध कराये जा रहे केरोसीन वितरण के सम्बन्ध में कहा कि जिन परिवारों के पास गैस/विद्युत कनेक्शन मौजूद हैं उन्हें केरोसीन की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों का पता लगाकर उन्हें इसकी आपूर्ति बन्द की जाए, क्योंकि एक लीटर केरोसीन पर भारत सरकार को 20 से 25 रुपये की सब्सिडी देनी होती है। उन्होंने कहा कि हर हाल में इसका दुरुपयोग रोका जाए।