होशंगाबाद। मिट्टी के मंगलमूर्ति बनाने के प्रति इस बार कुम्हारों से लेकर दिव्यांग बच्चों व स्कूली बच्चों में अति उत्साह रहा है। सोमवार को इनका स्टाल विवेकानंद घाट पर लगाया गया। जहॉ श्रद्धालुओं ने सबसे पहले बच्चों व दिव्यांगों के बनाये गणेश को खरीदने में रूचि दिखाई वही पीओपी की बनी मूर्तियों को बेचने पर प्रतिबंध के रहते होशंगाबाद में 150, इटारसी में 135, सिवनीमालवा में 228 मूर्तियॉं जब्त की गईं। दिव्यांगों के द्वारा बनाये तीन हजार गणेश प्रतिमायें हाथोहाथ बिक गयी और लोगों ने 35 गमले और अन्य सामान भी लिया।
नर्मदा संरक्षण संस्था, नर्मदा समग्र, सुशीला फाउन्डेशन और वारियर्स क्लब के द्वारा बच्चों को मिटटी के गणेश बनाने का विशेष प्रशिक्षण महाराणा प्रताप स्कूल रोहना और पलाशहोड में दिया। बाजार में गणेश प्रतिमाओं को खरीदने की होड़ लगी थी जिसमें गणेश 50 रूपये से लेकर 1 लाख रूपये तक में बेचे गये। गणेश प्रतिमाओं को प्रशिक्षण के लिये इस बार अनेक संस्थायें आयी थी जिसमें सत्य साई सेवा समिति ने नर्मदा बिहार स्कूल मालाखेडी में, अनन्या ज्योति स्कूल रसूलिया, लाईफ केयर स्कूल रसूलिया में प्रशिक्षण दिया जिसमें बच्चों ने 1000 से अधिक गणेश प्रतिमायें बनायी। बनखेड़ी में भाऊसहाब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास में भी 2500 गणेश बनाये जो हाथोहाथ लोगों ने जयकारों के साथ अपने घर ले गये। गुप्ता ग्राउन्ड होशंगाबाद में पाण्डालों में बैठने वाले गणेश प्रतिमाओं का अलग से निर्माण किया गया जो जिले केविभिन्न तहसीलों-गॉवों सहित होशंगाबाद नगर में 116 स्थानों पर विराजे पहल संस्था ने शहर में अनेक लोगों को मिट्टी से बनाये गणेश वितरित किये। संस्था अध्यक्ष सत्या चौहान ने एसपी आशुतोष सिंह, टीआई महेन्द्रसिंह चौहान सहित प्रमुख संस्थानों में गणेश प्रतिमायें दी। संस्था की भावना विष्ट, सतीश चौरे, डाक्टर प्रियंका मिश्रा, आकांक्षा दुबे, विमला गोस्वामी आदि ने गणेश प्रतिमाओं के स्थापना की प्रेरणा दी। कुम्हारों के यहॉ भी 15 हजार से अधिक गणेश प्रतिमायें बिकने की जानकारी हुई है।