धर्मशाला। रांची टेस्ट में मैराथन पारी खेलने वाले दोहरे शतकधारी चेतेश्वर पुजारा ने अपनी उस रिकॉर्ड पारी का राज खोला है। धर्मशाला में 25 मार्च से शुरू होने वाले चौथे टेस्ट से पहले पुजारा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि उनमें ये खूबी 13 साल की उम्र से ही है।
रांची टेस्ट में जब भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह ढह रही थी तब चेतेश्वर पुजारा ने ही रिकॉर्ड 500 से ज्यादा गेंदें खेलकर अपनी टीम को ड्राइविंग पोजिशन पर लाया था।
आठ साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू करने वाले पुजारा ने कहा कि, ‘मैं 13 साल की उम्र में अपनी राज्य की टीम में थे। तबसे ही उनमें इस खेल के लिए जरूरी धैर्य आ गया था। धैर्य कड़ी मेहनत से आता है। मुझे घरेलू मैचों में खेलने और कड़ी मेहनत से लंबी पारियां खेलने में मदद मिली है।’
सौराष्ट्र की ओर से खेलने वाले पुजारा ने इस सीरीज में 348 रन बनाए हैं और वह सभी भारतीय खिलाड़ियों से आगे चल रहे हैं। पुजारा ने कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि मेरे लिए मेरा अुनभव काम आ रहा है। मैं जानता हूं कि मुझे क्या करना है, कैसे करना है, कैसे लगातार लंबे समय तक बल्लेबाजी करनी है।’
पुजारा ने खुलासा किया कि बल्लेबाजी करते समय वह दिमाग को खाली रखने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, ‘बैटिंग के समय में कुछ नहीं सोचता। मैं दिमाग को खाली रखने की कोशिश करता हूं।’
लंबी पारी खेलने के बाद फील्डिंग के लिए मैदान पर उतरने वाले पुजारा ने अपनी फिटनेस के राज भी साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि वह अच्छी नींद लेने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी डाइट पर ध्यान देता हूं। मिठाई और आइसक्रीम नहीं खाता हूं और पूरी नींद लेता हूं। रिकवरी सेशन अटेंड करता हूं और मसाज भी लेता हूं।’ मैच खत्म होने के बाद मैं ये चीजें करता हूं।