नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स सीएसके पर लगाये गये दो साल के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी की याचिका पर आज फैसला सुरक्षित रखा।
प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में आदेश दिया जाएगा। स्वामी ने कहा था कि वह क्रिकेटप्रेमी हैं और चेन्नई सुपर किंग्स के मैचों को देखने से वंचित है जबकि उसके खिलाडियों ने कुछ गलत नहीं किया है। स्वामी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि एन श्रीनिवासन और चेन्नई सुपरकिंग्स के किसी भी अन्य सदस्य के खिलाफ किसी तरह के आरोप नहीं है और इसलिए न्यायमूर्ति आर एम लोढा पैनल द्वारा लगाया गया प्रतिबंध, ‘‘गैरकानूनी, मनमाना और अनुचित है.” लोढा पैनल ने सीएसके और राजस्थान रायल्स के शीर्ष अधिकारियों जैसे राज कुंद्रा और गुरुनाथ मयप्पन को सट्टेबाजी में लिप्त पाये जाने के बाद दोनों फ्रेंचाइजी पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि जस्टिस आर एम लोढा समिति की जांच और सीएसके तथा राजस्थान रायल्स पर प्रतिबंध का उनका फैसला ‘अंतिम’ हो गया। पीठ ने कहा ,‘‘समिति की जांच के नतीजे अंतिम थे. हमने लोढा समिति को यह मसला सौंपा था जिसने सीएसके पर दो साल का प्रतिबंध लगाने का फैसला किया और वह फैसला अंतिम था।