रायपुर। विधानसभा सत्र में आज नक्सलियों के आत्मसमर्पण का मामला जोर-शोर से उठा। नक्सलियों के आत्मसमर्पण के आंकड़ों पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच बस्तर संभाग में पिछले साल रिकार्ड नक्सलियों ने सरेंडर किया।
विधानसभा सत्र में सरकार की तरफ से आए लिखित जवाब में साल 2016-17 में 1049 नक्सलियों ने सरेंडर किया। वहीं अगर पिछले तीन सालों की बात करें तो कुल 2123 माओवादियों ने पुलिस के सामने हथियार छोड़े।
इसी तरह वर्ष 2014-15 में सिर्फ 453 नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार छोड़े थे, तो वहीं 2015-16 में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या 621 थी। जबकि 2016-17 में आत्मसमर्पण के इस आंकड़े में करीब दोगुनी वृद्धि हो गई है। इस वर्ष लगभग 1049 नक्सिलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया।
गृह विभाग की तरफ से दिये गये आंकड़ों के मुताबिक तीन साल में 2123 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किए। वहीं नक्सलियों को सरकारी पुनर्वास नीति के तहत एक करोड़ 42 लाख 40 हजार रुपये दिए गए। वहीं कई आत्मसमिर्पत नक्सलियों को सरकार द्वारा नौकरी भी दिया गया।