दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed ) के दोनों आतंकियों से पूछताछ में सनसनीखेज बात सामने आई है। गिरफ्तार आतंकियों अब्दुल लतीफ गनी और हिलाल अहमद भट ने स्पेशल सेल से हुई पूछताछ में बताया कि वे तुर्कमान गेट इलाके में स्थित हज मंजिल पर भी ग्रेनेड से हमला करना चाहते थे। इसके पीछे उनका मकसद देश की राजधानी दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था, क्योंकि यहां पर हमले का संदेश दूर-दूर तक जाता। 
किसी की मारना नहीं, बल्कि दहशत था मकसद
स्पेशल सेल से पूछताछ में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने यह भी कबूला है कि दोनों तुर्कमान गेट इलाके में स्थित हज मंजिल पर भी ग्रेनेड से हमला करना चाहते थे। हैरानी इस बात है कि यहां यह किसी को मारना नहीं चाहते थे, बल्कि ग्रेनेड फेंककर दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना चाहते थे।
दिल्ली के चार स्थानों पर हमला करना चाहते थे आतंकी
यह भी पता चला है कि दोनों इसके अलावा दिल्ली के अन्य चार स्थानों पर भी हमले की तैयारी में थे। साजिश के मुताबिक, दोनों आतंकियों को ग्रेनेड फेंकने के बाद तेजी से भाग जाना था, लेकिन इससे पहले ही दिल्ली पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आइजीएल पाइप लाइन उड़ाना भी था मकसद
आतंकियों का एक और मकसद वजीराबाद-उत्तरी दिल्ली से होकर गुजर रही आइजीएल की गैस पाइप लाइन में विस्फोट करने का भी था। इसके लिए दोनों ने जामा मस्जिद के आसपास पुरानी दिल्ली के भीड़भाड़ वाली जगहों की भी इन्होंने रेकी की थी।
वीवीआइपी इलाके भी थे शामिल
उनके निशाने पर लुटियन दिल्ली स्थित वीवीआइपी की कोठियां भी थीं। ज्यादा लोग हताहत हों, इस नापाक मकसद से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर धमाका करने की साजिश रची थी। जैश के आतंकियों ने जिन कोठियों की रेकी थी, उनमें कई बड़े नेता और अधिकारी रहते हैं। आतंकियों से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उनके निशाने पर कौन-कौन लोग थे। लुटियन जोन की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
खुफिया विभाग ने दिल्ली में आतंकियों के रहने के दौरान फोन से बातचीत के आधार पर दिल्ली पुलिस को सतर्क किया था। सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की बातचीत के दौरान यह सुना था कि बड़ा होना चाहिए और हिंदुस्तान रोना चाहिए। इसके बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आई और लतीफ को दिल्ली से और हिलाल को जम्मू-कश्मीर से धर दबोचा। लतीफ के पास से दो हैंड ग्रेनेड, एक स्वचालित पिस्टल और 26 कारतूस बरामद हुए थे।
जम्मू-कश्मीर में डेरा डाले है दिल्ली पुलिस
पुलिस को आतंकियों से पूछताछ में उनके नौ और साथियों के बारे में पता चला है। वे सभी जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। इनमें से कई पहले भी आतंकी वारदात को अंजाम दे चुके हैं। सेना पर पत्थरबाजी भी कर चुके हैं। उनके खिलाफ जम्मू-कश्मीर में जवानों पर हमला करने का मुकदमा दर्ज है। सभी को पाकिस्तान से आर्थिक मदद मिलती है। दिल्ली पुलिस की एक टीम स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में इन नौ लोगों की तलाश कर रही है। इनके पकड़े जाने पर आतंकियों के एक बड़े माड्यूल का पर्दाफाश होगा।
आतंकी अब्दुल के पोर्टल से जुड़े हैं हजारों कट्टरपंथी
अब्दुल लतीफ और हिलाल अहमद हार्ड कोर आतंकी हैं। दोनों जैश के प्रमुख अजहर मसूद से प्रभावित होकर आतंकी बने थे। अब्दुल तलीफ ने एक मदरसे से चार वर्ष का मुफ्ती का कोर्स भी किया है। कई वर्ष तक मदरसे में पढ़ा चुका है। इस दौरान वह बच्चों को उग्र विचारधारा पर घंटों व्याख्यान देता था। उसका एक पोर्टल भी है, जिससे हजारों कट्टरपंथी जुड़े हुए हैं। सोशल मीडिया पर लतीफ की उग्र पोस्ट को देखकर पाकिस्तानी हैंडलर अबू मौज ने उससे संपर्क किया था। वह लतीफ को अजहर मसूद का वीडियो और आडियो क्लिप भेजता था।
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