मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे का कहना है कि वह किताबों को अपनी दोस्त मानती है और जब भी वह मुश्किल समय का सामना करती हैं तो काल्पनिक किताबों को पढऩे लगती हैं। सोनाली बेन्द्र ने पिछले साल ‘द मॉर्डन गुरुकुल: माई एक्सपेरिमेंट्स विद पैरेन्टग’ किताब लिखी थी।सोनाली लेखिका अनुषा सुब्रमण्यम की किताब ‘नेवर गॉन’ के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुईं।
सोनाली से जब यह पूछा गया कि क्या कोई विशेष शैली की किताब है, जिसे वह खुद पढऩा चाहे या अपने बेटे को पढऩा चाहे तो उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं तनाव या मुश्किल वक्त से गुजरती हूं तो नई ऊर्जा के साथ आकर दुनिया का सामना करने के लिए काल्पनिक किताबों को पढ़ती हूं।’उन्होंने कहा, ‘ऐसी बहुत सी शैलियां हैं। इनका चुनाव मेरा ध्यान आकर्षित होने के ऊपर निर्भर करता है, लेकिन मां बनने के बाद से पढऩा मेरे लिए एक तरह से मुश्किल हो गया है। मेरा बेटा जो कुछ भी पढ़ता है उससे मुझे खुशी मिलती है, क्योंकि उसे किताबों से प्यार है। किताबें बचपन से मेरी अच्छी दोस्त रही हैं।’
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