नई दिल्ली। अंडमान निकोबार के जारवा क्षेत्र के आदिवासी समुदाय की युवतियों का नग्न नाच देखने वाले अधिकारी की पहचान हो गई है। प्रशासन ने आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्रालय और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को इसकी सूचना दी गई है। प्रशासन की तरफ से पहचाने गये अधिकारीयों के नामों का खुलासा नहीं किया गया है। प्रशासन का कहना है कि उनपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। उनकी पहचान वीडियो फुटेज के परीक्षण के दौरान की गयी। इस वीडियों में जारवा आदिवासी समुदाय की अर्धनग्न युवतियों को पुलिस और सेना के सामने नाचते हुए दिखाया गया है। पुलिस ने तो इससे इंकार किया था लेकिन जांच के बाद अधिकारी का चेहरा सामने आया। गौरतलब है कि अंडमान द्वीप में महज चंद सिक्कों और एकाक बिस्किट के लिये आदिवासी महिलाओं को विदेशी पर्यटकों के सामने करीब-करीब नंगा नचाया गया। पापी पेट के लिये विदेशी पर्यटकों के सामने नाच रहीं आदिवासी महिलाओं के वदन पर कपड़े का एक टुकड़ा भी नहीं था। पूरे घटनाक्रम का वीडियो सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने कड़ाई से जांच के आदेश दिये हैं। आपको बताते चलें कि ब्रिटेन के अखबार ‘ऑब्जर्वर’ में यह रिपोर्ट छपी थी। इस रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि अंडमान के जरावा समुदाय के आदिवासी महिलाओं को चंद सिक्के और बिस्किट का लालच देकर सैलानियों के सामने नंगा नचाया गया। उन महिलाओं पर यह दबाव किसी और ने नहीं बल्कि वहां की स्थानीय पुलिस ने डाला था। ब्रिटिश मीडिया में जारी विडियो में दिखाया गया है कि पर्यटकों को जरावा आदिवासियों के क्षेत्र में ले जाकर उन्हें जनजाति का नाच दिखाया जाता है।
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