कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पहली अनौपचारिक बैठक हुई। बैठक में मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा कि बिजली बिल की वसूली में अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। इस पर तत्काल रोक लगाई जाए।सूत्रों के मुताबिक, अनौपचारिक कैबिनेट बैठक में मंत्रियों ने कहा कि बिजली कंपनियां किसानों को नोटिस दे रही हैं। जब्ती बना रही हैं। इससे किसान परेशान हो रहे हैं। इसके साथ ही मंत्रियों ने कर्ज माफी को लेकर भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि पार्टी ने इतना बड़ा फैसला लिया है तो इसे किसानों तक पहुंचाना चाहिए कि कांग्रेस ने कर्ज से मुक्ति दिलाई है। मंत्रियों में से डॉ. गोविंद सिंह, सुखदेव पांसे, जीतू पटवारी, तुलसीराम सिलावट, ओमकार सिंह मरकाम व तरुण भनोत ने विचार रखे।
समय का ध्यान रखने की नसीहत दी
सूत्र बताते हैं कि अनौपचारिक बैठक में मुख्यमंत्री नाथ ने मंत्रियों को काम और आने-जाने के लिए समय का ध्यान रखने की नसीहत दी। वहीं, उन्होंने कांग्रेस संगठन को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि यह मातृ संस्था है और इसीलिए पहली कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक यहां रखी गई है। मंत्रियों से कहा कि वे अपने क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्र में विकास के काम करें। सबको मिलकर काम करना है और वचन पत्र के हिसाब से काम करें।
धक्का-मुक्की के बीच सीएम और मंत्री पहुंचे
अनौपचारिक बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्रियों को भीड़ के बीच से गुजरना पड़ा। पीसीसी के मुख्यद्वार पर कमांडों को खड़ा कर बंद कर दिया गया तो दूसरे प्रवेश द्वार से मंत्रियों का प्रवेश कराया गया। यहां भी भीड़ के कारण पुलिस ने घेरा बनाकर मंत्रियों को भीतर प्रवेश कराया।
मुख्यमंत्री को ताले तोड़कर बैठक स्थल तक पहुंचना पड़ा। मंत्रियों को धक्का-मुक्की के बीच अंदर प्रवेश कराया गया। वहीं, लिंक रोड पर शिवाजी चौक से लेकर चिनार पार्क के सामने कई बार जाम के हालात बने।
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