मुंबई। इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल में अपनी अगल पहचान बनाने वाली हिंदी फिल्म पार्च्ड शुक्रवार को रिलीज हो गई। फिल्म में लहर खान भी एक अहम भूमिका निभाती नजर आ रही हैं। फिल्म में लहर बाल विवाह जैसे गंभीर मुद्दे को दर्शाती नजर आ रही हैं। इस फिल्म ने लहर को इंडियन फिल्म फेस्टिवल में एलए और फ्रांस में बेस्ट ऐक्ट्रेस का अवॉर्ड दिलाया है। फिल्म के बारे में लहर से हुए बातचीत के अंश…
जलपरी में थी लीड-
लहर ने अपने करियर की शुरूआत 2012 में आई फिल्म जलपरी से की थी। नीला माधव पांडा के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित थी। फिल्म ने तमाम इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल में वाहवाही बटोरी। वहीं लहर की दूसरी फिल्म भी बाल विवाह और औरतों के अधिकार के बारे में बात करती है। करियर की शुरुआत में ही ऑफ बीट फिल्मों में अपने झुकाव के बारे में लहर का कहना है मुझे मेसेज देने वाली फिल्में बहुत पसंद आती है। खासकर ऐसी फिल्में जिसे देखने के बाद समाज में बदलाव आए। वैसे लहर कहती हैं कि यह महज इत्तेफाक की बात ही है कि उन्हें इतने कम समय में ही दोनों ही मुद्दों वाली फिल्मों के ऑफर आए हैं। मैं खुद भी सीरियस सिनेमा को एक्स्प्लोर करना चाहती थी।
फिल्म के लिए बाल काटने पड़े-
लहर के अनुसार उन्हें जलपरी के बाद मुकेश छाबड़ा का कॉल आया। स्क्रीन टेस्ट के बाद उन्होंने मुझे फिल्म के बारे में बताया साथ ही यह शर्त भी रख दी कि इस फिल्म के लिए मुझे अपने बाल काटने होंगे। चूकिं फिल्म की कहानी बहुत स्ट्रॉन्ग थी और साथ में मुझे लीना यादव जैसी डायरेक्टर के संग काम करने का मौका मिल रहा था तो मैंने अपनी बाल की कुर्बानी दे दी। फिल्म में मेरे किरदार का नाम जानकी है जिसकी 13 साल में शादी हो जाती है।
अब किसी चीज को फॉर ग्रांटेड नहीं लेती-
अपने रोल के लिए मुझे गांव भी जाना था। जब मैंने गांव जाकर वहां की महिलाओं की स्थिति देखी तो शॉक्ड हो गई। पहले तो लगा कि वे ऐसे कैसे रह सकते हैं। इसी बीच मैंने सोचा कि मैं कितनी लकी हूं कि मुझे ऊपरवाले ने इतनी अच्छी फैमिली दी है और मैं अपने लाइफ को लेकर ग्रेटफुल हो गई हूं। अब तो किसी चीज को फॉर ग्रांटेड नहीं लेती। मेरे कैरेक्टर जानकी ने मुझे कई तरह से बदल दिया है। मैं अब थोड़ी जिम्मेदार भी हो गई हूं।
मुझसे अलग है जानकी-
मेरा किरदार जानकी मुझसे बहुत ही अलग और विपरित है। फिल्म में जहां मुझे कुछ नहीं बोलना था लेकिन असल जिंदगी में मैं बहुत बातूनी हूं। वहां उसे केवल फेसियल एक्स्प्रेशन देने थे। जानकी आखिर में बोलती है और जब बोलती है तो जबर्दस्त बोलती है। वह सीन मेरे लिए काफी टफ था क्योंकि सारे इमोशन एक साथ निचोड़ देने थे। मैं खुश हूं कि मेरी डायरेक्टर लीना मैम और को स्टार्स ने मेरी बहुत मदद की। इस फिल्म का अनुभव मेरे लिए बेहद खास है आखिरकार इस फिल्म की वजह से मुझे अवॉर्ड्स भी तो मिले हैं।
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