लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने मंगलवार को बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी अपडेट इन कैंसर प्रिवेंशन एण्ड रिसर्च का उद्घाटन किया।
राज्यपाल ने उद्घाटन के बाद अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि कैंसर रोगियों में चिकित्सीय उपचार के साथ- साथ प्रबल इच्छाशक्ति उत्पन्न करने की जरूरत है।
कैंसर में रोगी के परिजनों एवं शुभचिंतकों के सहयोग से दवाओं के बेहतर परिणाम सामने आते हैं। कैंसर का इलाज महंगा और ज्यादा समय तक चलने वाला है इसलिये केन्द्र एवं राज्य सरकार निर्धन रोगियों के उपचार में आर्थिक सहयोग कर सहायता प्रदान करें। उन्होंने कहा कि शोधकर्ता ऐसी पद्धति विकसित करें जिससे रोगी को आधुनिकतम इलाज का लाभ कम खर्च में मिले।
उन्होंने कहा कि विज्ञान में हो रहे निरंतर बदलाव एवं शोध की चिकित्सक अद्यतन जानकारी रखें। रोगी के उपचार में चिकित्सक का व्यवहार महत्वूर्ण होता है। अनुसंधान एवं शोध को रोगी तक पहुंचाने में चिकित्सक सहयोग करें ताकि नयी उपचार पद्धति से रोगी को जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ हो।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार 2020 तक कैंसर के लगभग 17.3 लाख नये मामले सामने आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि रोगी के उपचार के साथ साथ आम जनता में कैंसर से बचाव के तरीकों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने बताया कि 1994 में उन्हें कैंसर रोग हुआ था।
टाटा अस्पताल के चिकित्सकों के परीक्षण के बाद कैंसर रोग का पता चला, मगर उचित देखभाल और परिवार एवं शुभचिंतकों के संबल से मिली दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण वे कैंसर रोग पर विजय प्राप्त कर सके। रोगी और परिजनों की मजबूत इच्छाशक्ति से रोग को जीता जा सकता है।
उन्होंने बताया कि बचपन से सूर्य नमस्कार की आदत ने उनकी इच्छाशक्ति को और भी मजबूत बनाया। कैंसर इलाज के शोध में बहुत प्रगति हुयी है। रोगी की मनः स्थिति को सुधारने में चिकित्सक का व्यवहार अहम होता है। उन्होंने कहा कि लोगों की शुभकामनाओं से भी रोगी को बहुत संबल मिलता है।
डॉ. शुबदा वी. चिपलुंकर, निदेशक टाटा मेमोरियल हास्पिटलए मुंबई ने कहा कि लोगों में बदलती हुई जीवनशैली के कारण कैंसर रोग में बढ़ोत्तरी हो रही है जिसमें 40 प्रतिशत कैंसर तम्बाकू के प्रयोग से हो रहा है। तम्बाकू के प्रयोग को जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि कम खर्च में कैंसर का इलाज उपलब्ध कराना शोधकर्ताओं के लिये चुनौती का विषय है।
इस अवसर पर प्रो. आरसी सोबती ने संगोष्ठी का संक्षिप्त विवरण दिया। कार्यक्रम में राज्यपाल ने एक स्मारिका का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर टाटा मेमोरियल हास्पिटल मुंबई की निदेशक डॉ. शुबदा वी. चिपलुंकर, जापान के डाक्टर जोजी किटायामा, अमेरिका के डाक्टर पाल के. वैलेस, कुलपति किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रो. रविकांत तथा कुलपति प्रो. आरसी सोबती सहित बड़ी संख्या में कैंसर विशेषज्ञ एवं शोधकर्ता उपस्थित थे।
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