आजमगढ। केेंद्र की सत्ता में आने के बाद बढ़े भाजपा के दलित प्रेम से मायवाती सहमी नजर आयी। आईटीआई मैदान में उन्होंने बेमुला, उना और दयाशंकर कांड के जरिये भाजपा के दलित प्रेम को नाटक करार दिया। तिरंगा यात्रा और सबका साथ सबका विकास नारे को प्रोबगंडा बताया। मायवती ने दलितों को भाजपा से सावधान रहने की हिदायत भी दी।
आईटीआई मैदान की महारैली में बसपा सुप्रीमो मायावती के सीधे निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी रहे। उन्होंने भाजपा सकरार की नीतियों को पूरी तरह नकार दिया। यह साबित करने का प्रयास किया कि सरकार पूरी तरह दलित अल्पसंख्यक, किसान और गरीब विरोधी है। इतना ही नहीं, भाजपा के दलित प्रेम को देख असहज और सहमी माया ने इसे नाटक करार दिया। तिरंगा यात्रा का प्रोपेगंडा करारने में कोई देर नहीं की।
खासतौर पर भाजपा द्वारा दलित महापुरूषों की जयंती और पुण्यतिथि पर समारोह आयोजित करने व डाॅ. अंबेडकर पर गांव में चलाये गये अभियान से मायावती को दलित वोटों में बिखराव का खतरा दिख रहा था। यही वजह थी कि जब रैली पूरे शबाब पर थी तभी उन्होंने दलित उत्पीड़न का मुद्दा छेड़ दिया। रोहित बेमुला की आत्महत्या और गुजरात के ऊना में गो-रक्षा के नाम पर दलितों की पिटाई और दयाशंकर सिंह के मुद्दे पर उन्होंने भाजपा का खुलकर घेरा। मायावती ने कहा कि भाजपा का दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ा प्रेम एक पाखंड है। एक तरफ सरकार दलितों से प्रेम दिखा रही है तो दूसरी तरफ भाजपा शासित राज्यों में आरक्षण को समाप्त करने का काम भी शुरू कर दिया है। दलितों को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में भजपा आई तो यहां भी कुछ ऐसा ही करेगी। इसलिए दलितों को भाजपा के झांसे में फंसने की जरूरत नहीं है।
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