छेदी पासवान 2000 से 2004 तक बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। तब वह लालू यादव की पार्टी आरजेडी में थे।
भाजपा सांसद छेदी पासवान की लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई है। वह बिहार के सासाराम से चुनाव जीते थे। उन पर शपथ पत्र में क्रिमिनल केस की जानकारी छुपाने का आरोप साबित हुआ। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने उनकी सदस्यता निरस्त कर दी। छेदी पासवान के खिलाफ यह फैसला गंगा मिश्रा की याचिका पर आया है। न्यायमूर्ति केके मंडल की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। पासवान ने कहा है कि वह फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उनका कहना है कि 2006 में वह दुर्गावती परियोजना को लेकर धरनेे पर बैठेे थे। इसी मामले में केस दर्ज हुआ था। यह जनहित का मामला था, आपराधिक मामला नहीं।
छेदी पासवान 2000 से 2004 तक बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। तब वह लालू यादव की पार्टी आरजेडी में थे। 2005 में वह JDU में आ गए थे। नीतीश कुमार ने भी उन्हें अपनी सरकार में 2008 से 2010 से बीच मंत्री रखा। 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले छेदी पासवान ने नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और भाजपा के हो गए। छेदी पासवान ने 2014 में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस उम्मीदवार मीरा कुमार को हराया था।
पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में छेदी पासवान ने अपने बेटे रवि पासवान को भाजपा से टिकट दिलाने की कोशिश की थी। जब इसमें कामयाब नहीं हुए तो आरोप-प्रत्यारोप भी लगाया था। कहा था कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को अलग-थलग किया जा रहा है। तब रवि पासवान ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था और चेनारी से चुनाव लड़ा था।
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