नई दिल्ली। भारत और चिली ने मंगलवार को प्रेफेरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट (पीटीए) को विस्तार देने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किया। वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया और भारत में चिली के राजदूत एन्ड्रेस बी.गोंज़ालेज़ के बीच हुई बैठक में इस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। भारत और चिली के बीच व्यापारिक संबंधों को गहरा करने और आयात एवं निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मार्च 8, 2006 में पीटीए पर हस्ताक्षर किए गए थे। जिसे 2007 अगस्त से लागू किया गया था। आज इसी समझौते को विस्तार दिया गया है। पीटीए में हुए विस्तार में चिली ने विभिन्न वस्तुओं के आयात और निर्यात पर भारत को 1798 टैरिफ के तर्ज पर और 30-100 प्रतिशत मार्जिन ऑफ़ प्रेफेरेंस (एमओपी) के साथ भारत को रियायतें देने की पेशकश की है। वहीं भारत ने चिली को 1031 टैरिफ की तर्ज पर 10-100 प्रतिशत मार्जिन ऑफ़ प्रेफेरेंस (एमओपी) पर रियायतें देने की पेशकश की है।
वर्ष 2015-2016 में चिली भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। पीटीए में हुए इस विस्तार का फायदा भारत को मिलेगा। भारत चिली को परिवहन उपकरण, दवाइयां, पॉलिएस्टर फाइबर के धागे, टायर एवं ट्यूब, धातुओं के निर्मित सामान, परिधान, कार्बनिक एवं अकार्बनिक और कृषि रसायन, कपड़ा, रेडीमेड वस्त्र, प्लास्टिक के सामान, चमड़े के उत्पाद, इंजीनियरिंग उपकरण, नकली आभूषण, खेल के सामान और हस्तशिल्प जैसे कई वस्तुओं का निर्यात करता है। वहीं चिली से भारत में तांबा अयस्क और उससे बना सामान, आयोडीन, तांबा एनोड, तांबा केथोड, मॉलिब्डेनम अयस्क, लीथियम कार्बोनेट और ऑक्साइड, धातु स्क्रैप, अकार्बनिक रसायन, लुगदी, बेकार कागज, फल और काजू को छोड़कर सभी प्रकार के बादाम, उर्वरक और मशीनरी आयात होता है।