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मध्य प्रदेश के रईस मंत्री संजय पाठक फिर मुश्किल में…

मध्य प्रदेश के दौलतमंद मंत्री और खनन कारोबारी संजय पाठक फिर मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. आयकर विभाग ने 500 करोड़ के हवाला घोटाले में जांच के दायरे में आए सतीश सरावगी की कंपनी से मध्य प्रदेश के लघु उद्योग मंत्री संजय पाठक के परिवार की कंपनी आनंद माईनिंग कार्पोरेशन के कारोबार का हिसाब मांगा है.

आयकर विभाग ने मंत्री के परिवार से जुड़ी तीन कंपनियों और फर्मों को नोटिस देकर बीते छह साल के खर्चों का हिसाब मांगा है. मंत्री बनने के पहले संजय पाठक भी इन कंपनियों में डायरेक्टर थे.

सूक्ष्म मध्यम और लघु उद्योग मंत्री के पद पर बैठे संजय पाठक मध्य प्रदेश के सबसे रईस मंत्री हैं. चुनाव के वक्त संजय पाठक ने करीब 140 करोड़ रुपये की संपत्ति दिखाई थी. ढाई साल पहले संजय पाठक कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए और उपचुनाव जीतने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री बना दिया. लेकिन सियासी कामयाबी की मिसाल कायम करने वाले संजय पाठक पर आयकर विभाग शिकंजा कसता नजर आ रहा है. नये साल में

-आयकर विभाग ने संजय़ पाठक के परिवार से जुड़ी कंपनियों औऱ संस्थाओं को चार नोटिस भेजे हैं.

-एक नोटिस में पाठक परिवार की कंपनी आनंद माईनिंग कार्पोरेशन से बीते छह साल के कारोबार की जानकारी मांगी गई है.

-छह साल में किस कंपनी को कितने रुपये का माल बेचा. फर्म या खदान से खरीदार कंपनी कैसे माल ले गई. छह साल में निर्यात किए गए माल की जानकारी.

-आयकर विभाग ने ये भी पूछा है कि क्या आनंद माईनिंग कार्पोरेशन ने नीरनिधि प्रायवेट लिमिटेड को बीते छह साल में कोई माल बेचा है.

-अगर हां तो बेचे गये माल की तादाद और भुगतान का ब्यौरा मुहैया कराया जाए. नीरनिधि वही कंपनी है जिसमें सतीश सरावगी डायरेक्टर हैं जो 500 करोड़ के हवाला घोटाल में आरोपी है.

कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है, “संजय पाठक मध्य प्रदेश सरकार के काबीना मंत्री हैं. आयकर जांच की परिधि में हैं. निष्पक्ष जांच को सत्ता में बैठा व्यक्ति नहीं होने देगा. आयकर विभाग और ईडी अपने राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर दलबदल करने के बाद मंत्री बने संजय पाठक के दबाव से दूर नहीं है. ना जाने क्यों मुख्यमंत्री संजय पाठक के इतने बड़े हितैषी हैं. नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को जांच होने तक अपने पद से हटा देना चाहिए.

दूसरा नोटिस कटनी के साईना स्कूल के प्रिंसिपल के नाम है. इसमें स्कूल के बीते छह साल की बुक्स ऑफ अकाऊंट्स मांगे गए हैं. एक और नोटिस में स्कूल की तरफ से बच्चों को कराई गईं विदेश यात्राओं का ब्यौरा मांगा गया हैं. ये भी पूछा गया है कि उन विदेश यात्राओं में संजय पाठक के चचेरे भाई आशीष किस हैसियत से गए थे.

संजय पाठक के परिवार से जुड़े निर्मल छाया नेचर रिज़ोर्ट की बीते छह साल के खर्चों और स्टाफ की जानकारी मांगी गई है. सारे नोटिस आईटी की धारा US 131(1A) में जारी किए गए हैं.

सूबे के खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ला का कहना है आयकर विभाग की कार्रवाई पर राज्य सरकार को कुछ भी कहने का हक नहीं है. नतीजा आने के पहले ही कांग्रेस के सवाल बेमानी हैं.

एक महीने पहले 500 करोड़ के हवाला घोटाले की जांच कर रहे कटनी के एसपी गौरव तिवारी का अचानक तबादला कर दिया गया था. ट्रांसफर का कटनी के लोगों और कांग्रेस ने काफी विरोध किया था.

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मंत्री संजय पाठक के दबाव में एसपी का तबादला किया गया है. कई दिनों तक हंगामा होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की जांच ईडी से कराने की सिफारिश की थी. अब पूरे मामले की जांच ईडी कर रही है.

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