जबलपुर । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा की परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा संबंधी दस्तावेज मुहैया कराने की याचिका को आज खारिज कर दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायाधीश अनुराग श्रीवास्तव की युगलपीठ ने परिवहन आरक्षक पद पर व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा वर्ष 2013 में की गई भर्ती से संबंधित दस्तावेज मुहैया कराने के मामले में राहत देने से इंकार कर दिया है।युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि आवेदक को निचली अदालत ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने का अवसर दिया था, इसके बाद यह नहीं माना जा सकता कि दस्तावेज न मिलने से याचिकाकर्ता को कोई गंभीर परेशानी होगी। इस संबंध निचली अदालत के आदेश को उचित ठहराते हुए दायर पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी गई। उल्लेखनीय है कि भोपाल के लोक अभियोजक ने निचली अदालत में मिश्रा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। जिसमें आरोप था कि 21 जून 2014 को मिश्रा ने भोपाल में प्रेस कान्फ्रेंस करके परिवहन आरक्षक पदों पर व्यापमं के जरिए वर्ष 2013 में हुई भर्तियों में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने गोंदिया और महाराष्ट्र के उम्मीदवारों को अवैध तरीके से भर्ती कराया है।
