महाराष्ट्र में दूध आंदोलन को चार दिन हो गए हैं. कल रात राज्य सरकार ने स्वाभिमानी शेतकरी संघठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी के साथ बैठक की. दो घंटे चली इस बैठक में राजू शेट्टी ने अपनी मांगे कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन के सामने रखी. इनमे से कुछ मांगे पूरी करने के लिए सरकार तैयार भी है, लेकिन किसानों को पांच रुपए सब्सिडी देने पर सरकार और राजू शेट्टी के बीच बात नहीं बन पाई. राज्य में दूध किसान सरकार से दूध के दाम में बढोत्तरी करने की मांग कर रहे हैं.
महाजन से बैठक के बाद सकारात्मक दिखे शेट्टी
गिरीश महाजन ने कहा है, ‘’पूरे महाराष्ट्र में किसानों को दूध का जो मूल्य मिलता है वो अलग-अलग है. ऐसे में राज्य के लिए एक ही मूल्य निश्चित किया जा सकता है.’’ गिरीश महाजन आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फण्डवीस से मिलेंगे. वहीं दूसरी ओर राजू शेट्टी भी महाजन से बैठक के बाद सकारात्मक दिखे. हालांकि उन्होंने आंदोलन खत्म करने का निर्णय नहीं लिया है.
बता दें कि दूध की खरीद के लिये अधिक कीमतों की मांग को लेकर यह आंदोलन सोमवार को शुरू हुआ था. शेट्टी की पार्टी ने राज्यभर में आंदोलन का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने किसानों से सड़कों को अवरुद्ध करने की अपील की है.
दूध उत्पादकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाएंगे- फडणवीस
वहीं, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा में ऐलान किया कि वर्तमान में चल रही दूध की हड़ताल के दौरान दुग्ध उत्पादकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाएंगे. फडणवीस ने हालांकि स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों पर दर्ज मामले वापस नहीं लिये जाएंगे जो दुग्ध उत्पादक तो नहीं हैं लेकिन उनपर हड़ताल के दौरान हिंसा में संलिप्त होने के आरोप हैं.
क्या है दूध किसानों की मांग?
कीमत बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि एक लीटर दूध के उत्पादन में 30 रुपये खर्च आता है. सरकार ने प्रतिलीटर 27 रुपए कीमत तय कर रखी है. दूध संघ दूध के फैट के हिसाब से 17 से 25 रुपये ही भुगतान करते हैं. एक लीटर दूध पर किसानों को 10 रुपए नुकसान हो रहा है. बता दें कि किसान दूध के दाम प्रतिलीटर 5 रुपए बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. सरकार दूध खरीदने वाले सहकारी और निजी संगठनों से तीन रुपए प्रतिलीटर कीमत बढ़ाने की बात कही है.